Paddy Procurement: तेलंगाना इस खरीफ सीजन में धान की बंपर पैदावार की उम्मीद है. सरकार ने 148.3 लाख टन धान उत्पादन का अनुमान लगया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है. सिविल सप्लाई विभाग ने हाल ही में यह अनुमान जारी किया है. पहले सिर्फ बंपर फसल की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन अब उत्पादन का आंकड़ा भी तय हो गया है. इस बार खरीद लक्ष्य 80 लाख टन रखा गया है, जो अब तक का सबसे बड़ा है. खास बात यह है कि सरकार ने इस बार 7,000 से ज्यादा PPCs तैयार किए हैं, डिजिटल टोकन सिस्टम शुरू किया है, ताकि खरीदारी में कोई दिक्कत न हो. साथ ही बारीक किस्मों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2,389 रुपये प्रति क्विंटल के अलावा 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस भी दिया जाएगा. इससे कुल खरीद लागत 24,000 रुपये से 26,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.
साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छे मॉनसून और 67.57 लाख एकड़ में बढ़े हुए खेती रकबे ने राज्य के कृषि उत्पादन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. तेलंगाना का धान उत्पादन 2019- 20 में 72 लाख टन था, जो अब दोगुने से भी ज्यादा हो गया है. इससे राज्य को देश का चावल कटोरा कहा जाने लगा है. लेकिन इतनी बड़ी फसल के साथ कुछ गंभीर चुनौतियां भी हैं. जैसे केंद्र सरकार द्वारा सीमित खरीद, गोदामों की कमी और ट्रांसपोर्ट की दिक्कतें. अगर समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है और उन्हें अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ सकती है.
15 फीसदी ज्यादा उत्पादन होने का अनुमान
इस सीजन में धान की पैदावार पिछले साल के 135 लाख टन की तुलना में 10-15 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है. इसकी बड़ी वजह है कि इस बार धान की खेती के लिए 5 लाख एकड़ ज्यादा जमीन जोड़ी गई है. कुल रकबे में से 40.75 लाख एकड़ में बारीक किस्म की धान बोई गई है, जिससे 45- 50 लाख टन पैदावार होने की उम्मीद है. वहीं, 26.82 लाख एकड़ में मोटे किस्म जैसे MTU-7029 की खेती हुई है, जो 30- 35 लाख टन तक उत्पादन दे सकती है.
53.73 लाख टन धान की खरीद को मंजूरी
उत्तर तेलंगाना के जिलों जैसे निजामाबाद में फसल कटाई शुरू हो चुकी है और जल्द ही Paddy Procurement Centres (PPCs) पर धान पहुंचना शुरू हो जाएगा. हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में सिंचाई व नागरिक आपूर्ति मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने इसे सरकार की किसान-हितैषी नीतियों और समय पर पानी की आपूर्ति का नतीजा बताया था. हालांकि, इतनी अच्छी पैदावार के बावजूद केंद्र सरकार से टकराव बढ़ता दिख रहा है. केंद्र ने खरीफ विपणन सीजन 2025- 26 के लिए सिर्फ 53.73 लाख टन धान की खरीद को मंजूरी दी है, जबकि राज्य का लक्ष्य 80 लाख टन है. अधिकारियों का कहना है कि अगर केंद्र ने लक्ष्य नहीं बढ़ाया तो राज्य में धान की अधिकता से बाजारों में दाम गिर सकते हैं. खासकर जब निर्यात की मांग भी कम है और दुनिया भर में पहले से ही अनाज की भरमार है.