Goat Farming: मौजूदा वक्त में खेती से ज्यादा बकरी पालन किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. क्येंकि यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसकी शुरुआत बहुत ही कम पूंजी से की जा सकती है. देश में हजारों नहीं बल्कि लाखों ऐसे किसान हैं, जो बकरी पालन से अच्छी कमाई कर रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी बकरी पालन का बिजनेस शुरू करने की प्लानिंग कर रहे है, तो यह खबर आपके लिए बहुत ही जरूरी है. क्योंकि आज हम बकरियों की ऐसी उन्नत नस्लों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसके मांस की मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है. अगर किसान इन नस्लों की बकरियों का पालन करते हैं, तो इनकी इनकम में बढ़ोतरी हो जाएगी.
ऐसे भी एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति मेहनत और लगन से बकरी पालन करे, तो नुकसान की संभावना बहुत कम रहती है. क्योंकि एक बकरी साल में तीन बच्चे तक दे सकती है और ये बच्चे कुछ ही महीनों में हजारों रुपये में बिक जाते हैं. ऐसे देश में कई नस्लों की बकरियां पाई जाती हैं, लेकिन कुछ नस्लें अपनी तेजी से बढ़ने और बेहतर उत्पादन क्षमता के कारण किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं.
ये हैं बकरियों की उन्नत नस्लें
- जमुनापारी- इसे बकरियों की रानी कहा जाता है. इसका मटन स्वादिष्ट होता है और बाजार में ऊंचे दामों पर बिकता है.
- सिरोही- यह राजस्थान की प्रसिद्ध नस्ल है, जो गर्म और सूखे इलाकों में भी अच्छे से पनपती है.
- बरबरी- आकार में छोटी होती है, लेकिन दूध उत्पादन में बेहतरीन है.
- बीटल- पंजाब और उत्तर भारत में लोकप्रिय नस्ल, जो मांस और दूध दोनों के लिए बढ़िया है.
- ब्लैक बंगाल- पूर्वी भारत में पाई जाती है, इसका मांस बेहद स्वादिष्ट होता है और बाजार में इसकी बड़ी मांग रहती है.
कितने में बिकती है बकरी
इन नस्लों की एक अच्छी बकरी 10,000 रुपये से 15,000 रुपये में बिक जाती है, जबकि उच्च नस्ल के नर बकरे की कीमत 25,000 रुपये से 40,000 रुपये तक पहुंच जाती है. बकरी पालन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे ज्यादा खर्च के बिना शुरू किया जा सकता है. एक बकरी को रोजाना लगभग 2 से 3 किलो चारा और साफ पानी की जरूरत होती है. इनके लिए खेतों के आसपास की झाड़ियां, पत्तियां और फसल के बचे हुए डंठल ही पर्याप्त होते हैं, जिससे चारे पर ज्यादा खर्च नहीं आता. देश में हजारों किसान हैं, जो बकरी पालन से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.
सरकार दे रही है सब्सिडी
बता दें कि सरकार भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों की मदद कर रही है. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना के तहत राज्य और केंद्र सरकार बकरी खरीदने पर किसानों को 35 फीसदी से 50 फीसदी तक सब्सिडी देती है. इसके अलावा प्रशिक्षण और टीकाकरण की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती है. कई जिलों में पशुपालन विभाग किसानों को बकरियों की देखभाल और पोषण संबंधी मार्गदर्शन भी देता है.