सुपर सीडर पर 1.20 लाख की छूट दे रही सरकार, सब्सिडी पर कृषि यंत्र पाने के लिए आवेदन करें किसान

सरकार की ओर से भारी सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जाने वाली इन आधुनिक मशीनों की मदद से किसान रबी फसलों की बुवाई समय ले 15 से 20 दिन पहले ही कर सकेंगे. मिट्टी की नमी का बेहतर इस्तेमाल होता है, सिंचाई की जरूरत कम होती है और लागत में भी कमी आती है.

नोएडा | Published: 4 Sep, 2025 | 03:52 PM

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार और प्रदेश का कृषि विभाग लगातार किसानों के हित के लिए काम करता है. अब इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में नरवाई प्रबंधन और फसल अवशेषों का सही इस्तेमाल करने के लिए किसानों को भारी सब्सिडी पर आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध करा रही है. इन आधुनिक यंत्रों की मदद से किसान करीब 15 से 20 दिन पहले ही रबी फसलों की बुवाई कर सकेंगे. बता दें कि, प्रदेश सरकार न केवल आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल से खेती को स्मार्ट बनाएंगे बल्कि खुद भी स्मार्ट और आर्थिक तौर पर मजबूत बन सकेंगे.

50 फीसदी से ज्यादा मिलेगी सब्सिडी

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को कई तरह के आधुनिक यंत्रों पर 50 फीसदी या उससे ज्यादा की सब्सिडी दी जाएगी. जैसे-

  • हैप्पी सीडर: बिना जुताई के सीधे बुवाई, खरपतवार और फसल अवशेषों को काटते हुए खेत में नमी बनाए रखता है.सरकार इसकी खरीद पर ज्यादा से ज्यादा 81 हजार से 86 हजार 400 रुपये की सब्सिडी मुहैया करा रही है.
  • सुपर सीडर: हल्की जुताई और बुवाई एक साथ करता है, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होती है. किसानों की मेहनत और समय बचाने वाली इस मशीन की खरीद की तरफ से प्रदेश सरकार किसानों को 1 लाख 20 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है. बता दें कि, बाजार में सुपर सीडर मशीन की कीमत 2.5 लाख से 3 लाख तक जा सकती है.

  • स्मार्ट सीडर: केवल बीज बोने वाली लाइन में जुताई करता है, मेहनत और खर्च कम करता है. किसानों का खर्च बचाने वाली इस मशीन को किसान लगभग 84 हजार से 90 हजार 200 रुपये तक की सब्सिडी पर खरीद सकते हैं.

  • जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल: बिना जुताई के सीधे बीज और खाद दोनों डालता है यानी एक समय पर दो काम. बता दें कि, प्रदेश सरकार इस आधुनिक कृषि यंत्र की खरीद पर 24 हजार से 33 हजार रुपये तक की सब्सिडी दे रही है.

  • मल्चर: फसल अवशेषों को काटकर खेत में फैला देता है, जो सड़कर खाद बन जाते हैं, इस तरह किसानों को जैविक खाद भी मिल जाती है. इस मशीन की खरीद पर 72 हजार रुपये से लेकर 95 हजार 700 रुपये तक सब्सिडी मिल सकती है.

  • स्लेशर: फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों को काटता है, जिसकी खरीद पर 27 हजार 500 रुपये की सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है.

  • हे-रेक: फसल अवशेषों को एक लाइन में इकठ्ठा करता है. इस तरह किसानों को फसल अवशेषों को इकट्ठा करने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है. अगर कोई किसान इस मशीन को खरीदना चाहता है तो वो 1 लाख 65 हजार रुपये की सब्सिडी के साथ इसे खरीद सकता है.

  • बेलर: अवशेषों के गट्ठर बनाता है, जो 16 से 25 किलो के हो सकते हैं. इस मशीन की मदद से किसानों की मेहनत और मजदूरी दोनों की बचत होती है. इसकी खरीद पर एमपी सरकार किसानों को 2 लाख से 6 लाख 66 हजार रुपये तक की सब्सिडी देगी.

आवेदन के लिए जरूरी हैं ये दस्तावेज

मध्य प्रदेश में रहने वाले जो भी किसान प्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें आवेदन करते समय कुछ दस्तावेजों को रखना जरूरी होगा. इन जरूरी दस्तावेजों में किसान का आधार कार्ड, खेती वाली जमीन के कागज, 50 हॉर्स पॉवर या उससे ज्यादा पॉवर का ट्रैक्टर होने पर ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन, एससी-एसटी वर्ग से आने वाले किसानों के लिए जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक की कॉपी और सहायक कृषि यंत्री या मंदसौर के नाम एक डिमांड ड्राफ्ट शामिल हैं.

किसानों को कैसे होगा फायदा

एमपी सरकार द्वारा किसानों को भारी सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जाने वाली इन आधुनिक मशीनों की मदद से किसान रबी फसलों की बुवाई समय ले 15 से 20 दिन पहले ही कर सकेंगे. इस तरह मिट्टी की नमी का बेहतर इस्तेमाल होता है, सिंचाई की जरूरत कम होती है और लागत में भी कमी आती है. प्रदेश के जो भी किसान इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं वे कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट farmer.mpdage.org पर जाकर सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं.