ठंड की मार से दूध घट रहा? अपनाएं ये 8 आसान टिप्स बाल्टी भरकर मिलेगा दूध!

सर्दियों में ठंडी हवा, नमी और पाला दुधारू पशुओं के लिए बड़ी परेशानी बन जाते हैं. इससे उनका दूध उत्पादन कम होने लगता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. लेकिन कुछ आसान और घरेलू उपाय अपनाकर पशुओं को ठंड से बचाया जा सकता है और दूध की मात्रा भी अच्छी बनी रहती है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Published: 4 Dec, 2025 | 06:34 PM

Dairy Animals : ठंड़ के मौसम में दूध देने वाले पशुओं को कई तरह की दिक्कतें होती है, जिनका सीधा असर उनके दूध उत्पादन पर पड़ता है. सर्दी की ठिठुरन इंसानों को ही नहीं, दुधारू पशुओं को भी गहराई से परेशान करती है. सुबह की जमती ओस, बर्फीली हवा और पाले की मार उनके शरीर की गर्मी छीन लेती है. ऐसे में पशु कमजोर पड़ने लगते हैं, कम खाना खाते हैं और दूध उत्पादन तेजी से घट जाता है. यही वजह है कि ठंड का मौसम आते ही पशुपालकों की सबसे बड़ी चिंता पशुओं की सेहत और उनके दूध का स्तर बन जाता है. कुछ आसान और घरेलू उपाय अपनाकर पशुओं को पूरी तरह सुरक्षित रखा जा सकता है और दूध उत्पादन भी बढ़िया बना रहता है.

ठंडी हवा और पाले से बढ़ती परेशानी

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सर्दियों में दुधारू पशु  सबसे ज्यादा ठंडी हवा और नमी से प्रभावित होते हैं. जैसे ही तापमान गिरता है, उनके शरीर में गर्मी कम होने लगती है और वे अपनी ऊर्जा का बड़ा हिस्सा शरीर को गर्म रखने में खर्च कर देते हैं. इससे दूध बनने के लिए जरूरी ऊर्जा कम हो जाती है और दूध उत्पादन तेजी से घटने लगता है. ठंडी हवा और गीली जगह के कारण खांसी-जुकाम, बुखार, थनैला और न्यूमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है.

सर्दी में बढ़ती बीमारियां और खतरे

ठंड का मौसम शुरू होते ही पशुओं की बीमार होने की संभावना काफी बढ़ जाती है. ज्यादा ठंड, नमी और गंदगी दुधारू पशुओं के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाते हैं. कई बार तो हालात इतने खराब हो जाते हैं कि पशु गंभीर बीमारियों का शिकार  हो जाते हैं और दूध पूरी तरह रुक जाता है. ठंड और तनाव के कारण उनका हार्मोनल संतुलन बिगड़ता है, जिससे वे कम खाना खाते हैं और शरीर कमजोर पड़ता जाता है. खासकर छोटे बछड़े ठंड को बिल्कुल सहन नहीं कर पाते और उन्हें अतिरिक्त ध्यान की जरूरत होती है.

ऐसे करें पशुओं को ठंड से सुरक्षित- ये 8 आसान उपाय अपनाएं

  • पशुओं को खुले में न रखें. अगर कहीं खुली जगह है, तो उसे बोरे, तिरपाल या प्लास्टिक से ढककर गर्म बनाएं.
  • फर्श पर पराली या सूखी पत्तियां  बिछाएं. इससे नमी नहीं लगेगी और पशु को गर्माहट मिलेगी.
  • छोटे बछड़ों को अलग गर्म जगह रखें. उनके लिए कपड़े की बोरी या गद्दा बिछाना मददगार होता है.
  • सुबह-सुबह पशुबाड़े की सफाई जरूर करें. गीली जमीन और गोबर ठंड बढ़ाता है.
  • धूप निकले तो पशुओं को थोड़ी देर धूप में रखें. इससे शरीर को प्राकृतिक गर्मी मिलती है.
  • ठंडी हवा और पाले के समय पशु बाहर न छोड़ें. खासकर सुबह-सुबह और देर रात.
  • खाना हल्का और पौष्टिक दें. दाना, गुड़ और गुनगुना पानी देना बेहद फायदेमंद रहता है.
  • अगर कोई बदलाव दिखे तो तुरंत इलाज कराएं. खांसी, बुखार या दूध कम होना जैसे लक्षण नजरअंदाज न करें.

ये साधारण उपाय न सिर्फ पशुओं को बीमारियों  से बचाते हैं बल्कि उनका दूध उत्पादन भी बेहतर बनाए रखते हैं.

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Published: 4 Dec, 2025 | 06:34 PM

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