कटहल की इन उन्नत किस्मों की करें खेती, किसानों को मिलेगी अच्छी पैदावार

कटहल की सिंगापुरी किस्म साल में दो बार फल देती है. अगर इसकी फसल की सही और अच्छी देखभाल की जाए तो एक पेड़ से लगभग 200 से 300 फल हर साल मिल सकते हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 9 Jun, 2025 | 04:44 PM

किसानों के लिए खेती में सबसे ज्यादा जरूरी होता है अच्छे उत्पादन का मिलना, जिससे बाजार में उन्हें उनके उत्पादन की अच्छी कीमत मिल सके. ऐसा होने से किसान आर्थिक तौर पर मजबूत होते हैं. लेकिन किसी भी फसल से अच्छा उत्पादन पाने के लिए जरूरी है कि किसान सही और उन्नत किस्मों का चुनाव करें. यही बात कटहल की खेती करते समय भी किसानों को ध्यान में रखना चाहिए. कटहल की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए किसानों को उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए. खबर में आगे बात करेंगे कटहल की कुछ उन्नत किस्म और उनकी विशेषताओं के बारे में.

कटहल की उन्नत किस्में

स्वर्ण मनोहर

ये कटहल की एक उन्नत किस्म है जिसे मुख्य रूप से झारखंड के छोटा नागपुर और संथाल परगना जैसे इलाकों के लिए विकसित किया गया है. इसकी रोपाई के लिए जुलाई से सितंबर महीने का समय सबसे सही माना जाता है और इसमें फल फरवरी के पहले हफ्ते में लगना शुरू होते हैं. आकार की बात करें तो इसका पेड़ जोकि 15 साल पुराना हो चुका हो उसकी ऊंचाई करीब 5.5 मीटर होती है. इसके अलावा इसके एक फल का वजन लगभग 10 से 25 किग्रा होता है. बता दें कि इस किस्म का विकास छोटे आकार के पेड़ों में ज्यादा से ज्यादा और बड़े फल देने के लिए किया गया था.

सिंगापुरी

कटहल की ये किस्म जल्दी तैयार होने और अच्छी उपज देने के लिए किसानों के बीच लोकप्रिय है. भारत में इस किस्म की खेती मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में की जाती है. बता दें कि कटहल की ये किस्म 3 से 4 सालों में फल देना शुरू करती है जबकि कटहल की अन्य किस्में 6 से 7 सालों बाद फल देना शुरु करती हैं. सिंगापुरी किस्म साल में दो बार फल देती है. अगर इसकी फसल की सही और अच्छी देखभाल की जाए तो एक पेड़ से लगभग 200 से 300 फल हर साल मिल सकते हैं.

खाजा

कटहल की इस किस्म को फल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए सबसे सही माना जाता है. यह किस्म अपने बड़े फलों और अच्छी क्वालिटी के लिए जानी जाती है. इसके फलों का गूदा सफेद, मुलायम और रसदार होता है, जो कि इसे खाने में स्वादिष्ट बनाता है. बात करें इस किस्म से मिलने वाली पैदावार की तो इसके एक पेड़ से हर साल 500 किग्रा तक कटहल मिल सकता है. खाजा कटहल के एक फल का वजन औसतन 25 से 30 किग्रा तक होता है.

सिद्धु जैक 

सिद्धू जैक एक विशेष किस्म है जिसे कर्नाटक के एक किसान द्वारा विकसित किया गया है. इस किस्म कोभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और भारतीय उद्यानिकी अनुसंधान संस्थान (IIHR), बेंगलुरु द्वारा मान्यता मिल चुकी है. कटहल की यह किस्म आमतौर पर कटहल की अन्य किस्मों से हलकी है. बात करें इसकी पैदावार की इसके एक पेड़ से किसान को लगभग 450 फल मिल सकते हैं. सिद्धू जैक कटहल के एक फल का वजन औसतन 2.44 किग्रा होता है.

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Published: 9 Jun, 2025 | 04:44 PM

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