भारत की 16वीं जनगणना को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. केंद्र सरकार ने इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. इस बार जनगणना पूरी तरह डिजिटल तरीके से होगी और इसमें पहली बार जातिगत आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे. सबसे खास बात यह है कि इस प्रक्रिया में 35 लाख से ज्यादा कर्मचारी आधुनिक उपकरणों के साथ काम करेंगे और इसके लिए एक स्पेशल मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है, जो 16 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा.
डिजिटल जनगणना का नया युग
गृह मंत्री अमित शाह ने इस डिजिटल जनगणना को देश के लिए एक बड़ी क्रांति बताया है. इस बार जनगणना में जातिगत आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा, जो एक नई शुरुआत है. इस कार्य के लिए 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, साथ ही 1.3 लाख अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. सभी को आधुनिक डिजिटल उपकरण दिए जाएंगे, ताकि जनगणना सटीक, तेज और पारदर्शी हो सके.
पहाड़ों में पहले, मैदानों में बाद में
सरकार ने दो हिस्सों में जनगणना करने का फैसला लिया है. हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे बर्फीले इलाकों में यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी. इसके बाद देश के बाकी हिस्सों में 1 मार्च 2027 से जनगणना का काम चलेगा.
दो चरणों में होगी पूरी प्रक्रिया
जनगणना दो भागों में की जाएगी- पहला चरण – मकान सूचीकरण: इसमें हर परिवार के घर की स्थिति, सुविधाएं और संपत्ति से जुड़ी जानकारी जुटाई जाएगी और दूसरा चरण – जनसंख्या गणना: इसमें हर व्यक्ति की उम्र, शिक्षा, रोजगार, धर्म, जाति, सामाजिक स्थिति जैसी सूचनाएं दर्ज की जाएंगी.
मोबाइल एप से होगा पूरा काम
इस बार कोई कागज-कलम नहीं चलेगी. सबकुछ एक स्मार्टफोन एप के जरिए होगा. घर-घर जाकर गणक उसी एप में डेटा दर्ज करेंगे. यह एप 16 भाषाओं में होगा जिससे भाषा की कोई रुकावट न आए. इससे समय भी बचेगा और डेटा प्रोसेसिंग भी तेज होगी.