वूली एफिड से सावधान! जानिए इस सफेद कीट से सेब के पेड़ों को कैसे होता है खतरा

वूली एफिड सेब के पेड़ों की कोमल शाखाओं और जड़ों से रस चूसता है. इससे न केवल पेड़ की बढ़वार रुक जाती है, बल्कि वह धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 9 May, 2025 | 06:03 PM

सेब की खेती करने वाले किसानों को अक्सर एक छोटे लेकिन नुकसानदायक कीट से जूझना पड़ता है, जिसे वूली एफिड (Woolly Aphid) कहते हैं. यह छोटा-सा कीट अपनी सफेद रुई जैसी परत के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है, जो उसे दूसरे कीटों से बचाव देती है. पर दिखने में मासूम लगने वाला यह कीट सेब के पेड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है अगर समय पर उस पर नियंत्रण न किया जाए.

सेब के पेड़ों पर वूली एफिड का असर

वूली एफिड सेब के पेड़ों की कोमल शाखाओं और जड़ों से रस चूसता है. इससे न केवल पेड़ की बढ़वार रुक जाती है, बल्कि वह धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है. लगातार रस चूसने से पेड़ की शाखाएं सूखने लगती हैं और नई कोपलें ठीक से नहीं फूटतीं. इसके साथ ही यह कीट ऐप्पल मोजेक वायरस जैसी बीमारियां भी फैला सकता है, जिससे फल की गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ता है. यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह पूरा बाग बर्बाद कर सकता है.

प्राकृतिक उपाय

वूली एफिड पर नियंत्रण के लिए सबसे पहले प्राकृतिक विकल्पों की बात करें तो कुछ ऐसे लाभदायक कीट हैं जो इस कीट को अपना आहार बनाते हैं. लेडीबग्स (गुबरैला) और लेसविंग्स (पतली पंखों वाले कीट) वूली एफिड को खाते हैं और उनकी संख्या नियंत्रित रखते हैं. ऐसे कीटों को बाग में प्राकृतिक रूप से बढ़ावा देना या उन्हें कृत्रिम रूप से छोड़ना जैविक नियंत्रण का असरदार तरीका हो सकता है.

इसके अलावा, कुछ किसान रिफ्लेक्टिव मल्च या पीले चिपचिपे ट्रैप्स का उपयोग करते हैं. ये या तो वूली एफिड को भ्रमित करते हैं या उन्हें आकर्षित करके पकड़ लेते हैं, जिससे वे पेड़ों तक पहुंच ही नहीं पाते.

शाखाओं की छंटाई है जरूरी

अगर बाग में किसी पेड़ की शाखाएं वूली एफिड से बुरी तरह संक्रमित हो गई हों, तो उन्हें काटकर तुरंत हटा देना चाहिए. यह छंटाई बहुत सावधानी से की जानी चाहिए ताकि संक्रमण बाकी पेड़ तक न पहुंचे. काटी गई शाखाओं को वहीं बाग में नहीं छोड़ना चाहिए, उन्हें या तो जलाकर नष्ट कर देना चाहिए या सुरक्षित तरीके से फेंक देना चाहिए. इससे कीट का प्रसार रुकता है और बाकी पेड़ सुरक्षित रहते हैं.

रासायनिक नियंत्रण

कुछ मामलों में जब प्राकृतिक या सांस्कृतिक उपाय पर्याप्त नहीं होते, तो रासायनिक नियंत्रण की आवश्यकता पड़ती है. इस स्थिति में इंसैक्टिसाइडल सोप या हॉर्टिकल्चरल ऑयल्स का उपयोग किया जा सकता है. ये कीटनाशक एफिड की सांसनली को बंद कर उन्हें खत्म कर देते हैं. लेकिन रसायनों का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर और निर्देशों का पालन करते हुए ही करना चाहिए, ताकि पेड़ों, फलों और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.

नियमित निगरानी

किसी भी कीट नियंत्रण उपाय की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने बाग़ की कितनी नियमित निगरानी करते हैं. वूली एफिड बहुत तेजी से फैल सकते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि आप हर सप्ताह अपने पेड़ों की जांच करें और संक्रमण के शुरुआती लक्षणों पर तुरंत कार्रवाई करें.

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