बायर की इस पहल से मक्का किसानों की बढ़ेगी कमाई, बस करना होगा ये काम

राजस्थान के छह जिलों में बायर कंपनी मक्का किसानों के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर रही है, जिससे वैज्ञानिक खेती, नई तकनीक, उच्च उत्पादकता और पोषण पर जोर दिया जा रहा है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

वेंकटेश कुमार
नोएडा | Updated On: 14 May, 2025 | 05:58 PM

राजस्थान में मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. अब उनकी कमाई जल्द बढ़ने वाली है. इसके लिए स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर काम करने वाली कंपनी बायर ने बहुत बड़ी पहल की है. वह राजस्थान के बारां, झालावाड़, बूंदी, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले के गांवों में मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित किसान कार्यशालाएं आयोजित कर रही है. इन कार्यशालाओं के जरिए किसानों को भोजन, पशु चारे और इंधन के रूप इस्तेमाल किए जाने के लिए मक्के के महत्व की जानकारी दी जा रही है. ऐसे में एक्सपर्ट का कहना है कि बायर की इस पहल से किसानों को सीधा फायदा होगा. जानकारी होने से किसान वैज्ञानिक तरीके से मक्के की खेती कर पाएंगे. इससे पैदावार तो बढ़ेगी और साथ में किसानों की कमाई में भी इजाफा होगा.

ऐसे भी केंद्र सरकार मोटे अनाज यानि मक्के की खेती बढ़ावा दे रही है.क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में पोषण तत्व पाए जाते हैं. साथ ही इसकी खेती में पानी की खपत भी बहुत कम होती है. इससे भूजल का दोहन भी कम होता है. खास बात यह है कि इंसान के साथ-साथ पशु और पक्षियों के लिए पौष्टिक आहार है. इसके अलावा फैक्ट्रियों में इससे कई तरह के खाद्य पदार्थ भी बनाए जाते हैं. यही वजह है कि भारत ही नहीं पूरे विश्व में मक्की की खेती किसानों की कमाई का एक बहुत बड़ा जरिया है. वहीं, यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती भी देती है.

किसी भी जमीन पर करें खेती

सबसे बड़ी बात यह है कि किसान मक्का की खेती किसी भी मौसम और किसी भी प्रकार की जमीन पर कर सकते हैं और इससे पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता है. हालांकि, बायर कंपनी का उद्देश्य केवल मक्का की पैदावार बढ़ाना ही नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति को पोषण युक्त आहार उपलब्ध कराना भी है, ताकि कोई भी भूखा न रहे और सभी स्वस्थ रहें. कंपनी का मूल मंत्र है: ‘Health for All, Hunger for None’. बायर का मानना है कि यह उद्देश्य मक्का की ताकत और उसके बहुपयोगी स्वरूप से जुड़ा हुआ है. कंपनी किसानों को नई तकनीकें और आधुनिक खेती के तरीके सिखाकर उनकी फसल की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती है. इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ती है, बल्कि देश के लोगों को भी अच्छा पोषण और भरपूर भोजन मिल पाता है.

उत्पादकता में सुधार होगा

कार्यशालाओं में किसानों को उन्नत फसल प्रबंधन तकनीकों की पूरी जानकारी दी जाएगी, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार होगा और मृदा (ज़मीन) की सेहत भी बेहतर होगी. इसके अलावा, किसानों को प्रेरित करने के लिए सफल किसानों की कहानियां भी सुनाई जाएंगी. साथ ही, FarmRise ऐप के माध्यम से एक QR कोड आधारित पुरस्कार प्रणाली शुरू की जाएगी, जो किसानों को प्रोत्साहन देगी और उन्हें बायर के कृषि नेटवर्क से जोड़ने का अवसर भी प्रदान करेगी.

किसानों को मिलेगी ट्रेनिंग

भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में बायर क्रॉपसाइंस के क्लस्टर कमर्शियल लीड मोहन बाबू ने कहा कि बायर का मकसद मक्का किसानों को बदलते कृषि माहौल में सफल बनाने के लिए जरूरी उपकरण, ट्रेनिंग और सहयोग देना है. खरीफ सीजन भारत में मक्का उत्पादन का अहम हिस्सा है, इसलिए इस समय पैदावार बढ़ाने के हर संभव प्रयास जरूरी हैं. हमारी कार्यशालाओं के ज़रिए हम किसानों को नए तकनीकी तरीके अपनाने, उत्पादन बढ़ाने और मक्का की पूरी वैल्यू चेन की बदलती जरूरतों को समझने और पूरा करने में मदद कर रहे हैं.

हाइब्रिड बीजों की बुवाई से पैदावार में बढ़ोतरी

इन कार्यशालाओं में किसान DEKALB ब्रांड के खरीफ हाइब्रिड बीजों के बारे में भी जानेंगे. ये बीज अलग-अलग बुवाई की स्थितियों में भी अच्छी पैदावार देते हैं, टिकाऊ होते हैं और उच्च गुणवत्ता का अनाज पैदा करते हैं. इन बीजों में 65–70 फीसदी स्टार्च और 8–9 फीसदी प्रोटीन होता है, जो इन्हें और भी फायदेमंद बनाता है. इन्हें खास तौर पर लंबे समय तक लाभ और खेती में स्थिरता देने के लिए विकसित किया गया है.

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Published: 14 May, 2025 | 05:52 PM

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