दूध भारतीय खानपान और परंपरा की सबसे अहम हिस्सा है. बच्चों की ग्रोथ से लेकर, बुजुर्गों की हड्डियों तक. हर मोड़ पर दूध की जरूरत महसूस होती है. लेकिन अब सवाल सिर्फ इतना नहीं है कि दूध पीना चाहिए या नहीं, सवाल ये है कि कौन-सा दूध सबसे अच्छा है? गाय, भैंस, बकरी या फिर ऊंटनी का?
भारत जैसे देश में जहां डेयरी प्रोडक्ट्स हर रसोई का हिस्सा हैं, वहां ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि अलग-अलग जानवरों का दूध शरीर पर कैसे असर करता है. क्योंकि हर दूध एक जैसा नहीं होता. उसकी पौष्टिकता, पचने की क्षमता, फैट का स्तर और यहां तक कि शरीर के रोगों पर उसका असर भी अलग होता है.
गाय का दूध
गाय का दूध भारतीय घरों में सबसे ज्यादा उपयोग होता है. इसका कारण है इसकी हल्की बनावट और पोषण तत्वों की भरपूर मौजूदगी. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है. विशेषज्ञों की माने तो 100 मिलीलीटर में 3.2 ग्राम प्रोटीन और लगभग 160 कैलोरी मिलती है. वहीं यह दूध पतला होता है और लगभग 90 फीसदी पानी की मात्रा के कारण शरीर को हाइड्रेटेड रखता है. जिन लोगों को दूध भारी लगता है, उनके लिए गाय का दूध एक सुरक्षित विकल्प है. हालांकि जिनको एलर्जी की समस्या है, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए.
भैंस का दूध
अगर शरीर को मजबूत बनाना है, मांसपेशियों की ग्रोथ के सा- साथ दिनभर ऊर्जा चाहिए तो भैंस का दूध बेहतर माना जाता है. क्योंकि इसमें फैट ज्यादा 7-8 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है. यही कारण है कि यह दूध ज्यादा गाढ़ा होता है और जल्दी पचता नहीं. अगर आप दिल की बीमारी या वजन कम करने की सोच रहे लोग इससे दूर रहें तो बेहतर है.
बकरी का दूध
बकरी का दूध उन लोगों के लिए रामबाण है जिन्हें बार-बार गैस, बदहजमी या लैक्टोज इन्टॉलरेंस की समस्या रहती है. इसका फैट कण छोटा होता है, जिससे यह आसानी से पचता है. इसमें सेलेनियम, फास्फोरस, पोटैशियम, आयरन और कॉपर की भरपूर मात्रा होती है. खास बात ये कि डेंगू जैसी बीमारियों में इसका सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है. हालांकि, इसकी उपलब्धता सीमित है. इसके अलावा बकरी का दूध कीमत में गाय- भैस की अपेक्षा महंगा होता है.
ऊंटनी का दूध
ऊंटनी का दूध अब सिर्फ पारंपरिक खानपान का हिस्सा नहीं, बल्कि सेहत का सुपरफूड बनता जा रहा है. इसमें मौजूद खास प्रोटीन इंसुलिन जैसा काम करता है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल में मददगार है. कम फैट के कारण यह दिल के लिए भी फायदेमंद है. जिन लोगों को गाय या भैंस के दूध से एलर्जी होती है, उनके लिए यह बेहतर विकल्प है. इसमें ऐसा प्रोटीन होता है जो एलर्जी नहीं करता. ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों के व्यवहार में सुधार लाने में भी यह मददगार साबित हो रहा है. साथ ही इसमें आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन भी भरपूर हैं.