हरियाणा के करनाल जिले के सुल्तानपुर गांव ने यह साबित कर दिया है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी बदलाव मुमकिन है. गांव के सरपंच जसमेर सिंह की अगुवाई में गांव ने जल संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में जो अनूठा कार्य किया है, उसकी गूंज अब राष्ट्रीय स्तर पर सुनाई दे रही है. इसी मेहनत और समर्पण का नतीजा है कि इस गांव को 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित किया जाएगा.
कैसे बदली गांव की तस्वीर
साल 2020 में गांव के वेस्ट और गंदे पानी की निकासी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में शिकायत हुई थी. कोर्ट के आदेश के बाद गांव की पंचायत ने एक ठोस कदम उठाते हुए फाइव पोंड स्कीम के तहत इस पानी को सीधा ड्रेन में जाने की बजाय बायपास करवाया और तालाबों के माध्यम से उसका दोबारा उपयोग शुरू किया.
इस योजना के तहत गांव में पांच तालाब बनाए गए, जिनमें गंदे पानी को साफ करने की प्रक्रिया अपनाई गई. आज ये साफ किया गया पानी खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल हो रहा है. इस पूरी योजना ने गांव को नई पहचान दी है. तालाबों के चारों ओर हरियाली, स्वच्छ वातावरण और सुंदरता आज यहां का नजारा पूरी तरह बदल चुकी है.
जल शक्ति मंत्रालय से आया सम्मान का संदेश
गांव के सरपंच जसमेर सिंह ने बताया कि उन्हें जल शक्ति मंत्रालय से सूचना मिली है कि उन्हें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली बुलाया गया है, जहां प्रधानमंत्री मोदी उन्हें इस सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित करेंगे. यह खबर मिलते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है. सरपंच ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना ने भी उनके गांव का दौरा किया था और यहां की व्यवस्था से काफी प्रभावित हुए थे.
गांव बना स्वच्छता और सहयोग की मिसाल
सुल्तानपुर गांव न केवल जल संरक्षण के क्षेत्र में बल्कि स्वच्छता और सामूहिक सहयोग में भी एक मिसाल बन चुका है. गांव में घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था है. इसके लिए विशेष सफाई कर्मचारी और रेहड़ियां तैनात की गई हैं. गांव में कहीं भी गंदगी, पॉलिथीन या गोबर नजर नहीं आता. ग्राम सचिवालय, सामुदायिक भवन, पार्क, आंगनवाड़ी और कचरा शेड जैसी सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं. सरपंच जसमेर सिंह ने बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिलेगा. अब वह इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
विदेशी प्रतिनिधिमंडल भी कर चुके हैं दौरा
सुल्तानपुर गांव की स्वच्छता और व्यवस्था की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं, विदेशों में भी हो रही है. अब तक कई विदेशी प्रतिनिधिमंडल इस गांव का दौरा कर चुके हैं और इसे मॉडल गांव के रूप में देखा जा रहा है.
गांव में नहीं होती गुटबाजी, न कोई झगड़ा
यह गांव सिर्फ विकास के लिए नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे के लिए भी जाना जाता है. गांव के नंबरदार विनोद कुमार ने बताया कि यहां आज तक किसी के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है. गांव के सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं और जब बात विकास की होती है, तो सभी एक साथ खड़े हो जाते हैं.
अन्य गांवों के लिए बना मॉडल
प्रदेश सरकार के नव नियुक्त पंचायत अधिकारियों को सुल्तानपुर गांव का भ्रमण करवाया जाता है ताकि वे जान सकें कि एक आदर्श गांव कैसा होता है. विनोद कुमार कहते हैं कि यह हमारे बुजुर्गों की देन है, जिसे हम आज भी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं.
फाइव पोंड सिस्टम बना पर्यटक आकर्षण
सुल्तानपुर गांव की दो एकड़ जमीन पर बना फाइव पोंड सिस्टम अब सिर्फ एक तकनीकी समाधान नहीं, बल्कि एक सुंदर और साफ-सुथरा पर्यटन स्थल बन चुका है. यहां का शांत वातावरण, स्वच्छता और जल प्रबंधन लोगों को आकर्षित कर रहा है.
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