दुनियाभर में कॉफी हुई थोड़ी सस्ती, पर दाम अब भी रिकॉर्ड स्तर पर

भारत में कॉफी उत्पादक क्षेत्रों में फॉर्मगेट प्राइस यानी किसानों से सीधे खरीदी जाने वाली कॉफी की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई है.

नई दिल्ली | Published: 15 May, 2025 | 08:27 AM

दुनियाभर में कॉफी की कीमतों में अप्रैल 2025 के दौरान थोड़ी गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, यह गिरावट बहुत मामूली है और कॉफी अभी भी ऐतिहासिक रूप से ऊंचे भाव पर बिक रही है. भारत में भी इसकी हल्की झलक दिखी है, जहां स्थानीय स्तर पर कॉफी के फॉर्मगेट यानी किसानों से खरीदी जाने वाली कीमतों में थोड़ी नरमी आई है.

वैश्विक बाजार की चाल का भारत पर असर

अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन (ICO) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक कॉफी कीमतों का औसत अप्रैल में 3.5 फीसदी गिरकर 335.76 सेंट प्रति पाउंड रहा. इस गिरावट के बावजूद कीमतें अब भी काफी ऊंची बनी हुई हैं. भारत में भी इसी वैश्विक ट्रेंड के अनुसार कीमतों में थोड़ी कमी आई है. हालांकि, अच्छी प्री-मानसून बारिश के कारण अक्टूबर से शुरू होने वाली नई फसल को लेकर उम्मीदें बढ़ गई हैं.

अलग-अलग किस्मों की कीमतों में गिरावट

अप्रैल 2025 में ‘कोलंबियन माइल्ड्स’ और ‘अदर माइल्ड्स’ किस्मों की कीमतों में क्रमशः 2.7 फीसदी और 2.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ये किस्में अब क्रमशः 394.14 और 392.84 सेंट प्रति पाउंड पर बिक रही हैं. ‘ब्राज़ीलियन नैचुरल्स’ किस्म की कीमत 3.6 फीसदी गिरकर 378.27 सेंट प्रति पाउंड और ‘रोबस्टा’ किस्म की कीमत 4.4 फीसदी गिरकर 246.39 सेंट प्रति पाउंड रह गई है.

अंतर की दर और फ्यूचर मार्केट का हाल

ICO की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कोलंबियन और अदर माइल्ड्स किस्मों के बीच मूल्य अंतर बढ़कर 1.30 सेंट प्रति पाउंड हो गया है, जो मार्च में 0.95 सेंट था. वहीं लंदन और न्यूयॉर्क के फ्यूचर बाजारों के बीच का अंतर भी थोड़ा घटा है और अब 134.67 सेंट प्रति पाउंड पर पहुंच गया है.

भारत में किसानों को मिल रहा है कम दाम

भारत में कॉफी उत्पादक क्षेत्रों में फॉर्मगेट प्राइस यानी किसानों से सीधे खरीदी जाने वाली कॉफी की कीमतों में थोड़ी गिरावट आई है. हालांकि, किसानों को उम्मीद है कि अच्छी बारिश और मौसम की अनुकूलता के चलते अगली फसल अच्छी होगी, जिससे उत्पादन और कमाई में सुधार हो सकता है.