आज की खेती पहले जैसी नहीं रही. पहले जहां बैल और हल से खेत जोता जाता था, अब जमाना ट्रैक्टर का है. ट्रैक्टर ने खेती को आसान बना दिया है. भारी काम जो पहले घंटों या दिनों में होता था, वो अब कुछ ही समय में निपट जाता है. किसान अब अपने खेत की जुताई, बुवाई और कटाई सब कुछ ट्रैक्टर से करने लगे हैं.
लेकिन जैसे-जैसे ट्रैक्टर का इस्तेमाल बढ़ा है, वैसे-वैसे उसकी देखभाल और उसमें लगने वाला डीजल भी एक चिंता बन गया है. डीजल के बढ़ते दाम और ट्रैक्टर की बढ़ती खपत से किसान की जेब पर असर पड़ रहा है. ऐसे में अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो डीजल की खपत भी कम होगी और ट्रैक्टर भी सालों साल ठीक काम करेगा.
समय पर बदलें मोबिल ऑयल
ट्रैक्टर के इंजन के लिए मोबिल ऑयल उतना ही जरूरी है जितना इंसान के लिए खून. जब ऑयल पुराना हो जाता है, तो वो इंजन के अंदर घिसाव को ठीक से नहीं रोक पाता. इसका असर यह होता है कि इंजन ज्यादा मेहनत करता है और डीजल ज्यादा जलता है. अगर किसान समय-समय पर ऑयल और फिल्टर बदलवाते रहें, तो ना सिर्फ इंजन मजबूत रहेगा बल्कि डीजल की भी बचत होगी.
इंजन में हवा का बहाव बना रहना चाहिए
कई बार किसान शिकायत करते हैं कि ट्रैक्टर बहुत आवाज कर रहा है या भारी चल रहा है. इसका एक बड़ा कारण यह होता है कि इंजन में हवा ठीक से नहीं जा रही होती. जब हवा कम जाती है, तो डीजल का पूरा उपयोग नहीं हो पाता और उसकी खपत बढ़ जाती है. इस स्थिति में एयर फिल्टर की जांच करनी चाहिए. अगर वह गंदा है तो उसे साफ करना या बदलना चाहिए.
खेत में ट्रैक्टर को समझदारी से चलाएं
जब खेत की जुताई की बात आती है, तो कई किसान ट्रैक्टर को खेत की चौड़ाई में चलाते हैं. इससे ट्रैक्टर को बार-बार मोड़ना पड़ता है और हर बार मोड़ने में डीजल खर्च होता है. अगर किसान ट्रैक्टर को खेत की लंबाई में चलाएं तो कम मोड़ लगेंगे और ट्रैक्टर को कम मेहनत करनी पड़ेगी. इससे समय और डीजल दोनों की बचत होती है, साथ ही ट्रैक्टर पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता.
अगर ट्रैक्टर काला धुआं छोड़ रहा है, तो सतर्क हो जाएं
कई बार देखा जाता है कि ट्रैक्टर के साइलेंसर से काला धुआं निकल रहा होता है. यह सीधा संकेत है कि ट्रैक्टर में डीजल जरूरत से ज्यादा जल रहा है. इसका मतलब हो सकता है कि इंजेक्टर या इंजेक्शन पंप में कोई खराबी है. ऐसे में देरी ना करें और किसी अच्छे मिस्त्री से जांच करवा लें. समय रहते ये समस्या ठीक कर ली जाए, तो बड़े खर्चे से बचा जा सकता है.