उत्तर प्रदेश में खरीफ सीजन की बुवाई जोरों पर है. किसान दिन-रात खेतों में जुटे हुए हैं, ताकि समय पर धान, मक्का, अरहर जैसी फसलें बोई जा सकें. ऐसे में सबसे ज्यादा चिंता उन्हें खाद यानी उर्वरक की रहती है. लेकिन इस बार किसानों के लिए अच्छी खबर है. यूपी सरकार ने साफ कहा है कि राज्य में यूरिया और फॉस्फेट जैसे जरूरी उर्वरकों का पर्याप्त भंडार मौजूद है.
15 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा यूरिया स्टॉक में
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में 15.96 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 5.87 लाख मीट्रिक टन फॉस्फेटिक उर्वरक का स्टॉक तैयार रखा गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को किसी तरह की किल्लत नहीं होने दी जाएगी.
ब्रांड से न डरें, गुणवत्ता एक जैसी
कई बार किसानों में ब्रांड को लेकर भ्रम होता है. इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि ‘भारत यूरिया’ या ‘भारत डीएपी’ जैसे नाम सिर्फ ब्रांड हैं. सभी स्वीकृत उर्वरकों की गुणवत्ता केंद्र सरकार के तय मानकों के अनुसार होती है. किसान किसी भी स्वीकृत कंपनी का उर्वरक बिना चिंता के ले सकते हैं.
सरकार उर्वरकों की कालाबाजारी और जबरन अन्य उत्पाद बेचने जैसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है. खासकर सीमावर्ती जिलों में सघन जांच हो रही है. अगर कोई उर्वरक विक्रेता किसानों पर जबरन दूसरा उत्पाद लेने का दबाव बना रहा हो या अधिक कीमत वसूल रहा हो, तो किसान फर्टिलाइजर कंट्रोल रूम नंबर 0522-2209650 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
नीम-लेपित यूरिया का दुरुपयोग करने वालों पर कार्रवाई
कुछ कारोबारी सब्सिडी वाले नीम-लेपित यूरिया का उपयोग पेंट, पोल्ट्री या प्लाईवुड में करते हैं, जो कि कानूनन गलत है. कृषि मंत्री ने चेताया कि ऐसा करने पर एफआईआर और कठोर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, आगरा, अयोध्या सहित सभी 18 मंडलों में उर्वरक की मौजूदा और आगामी मांग को देखते हुए पर्याप्त भंडार उपलब्ध है.
जरूरत के अनुसार ही खरीदें खाद
अंत में कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे अनावश्यक रूप से खाद जमा न करें. केवल उतनी ही मात्रा में खरीदें, जितनी अभी की जरूरत हो. इससे बाजार में संतुलन बना रहेगा और सभी किसानों को समय पर खाद मिल सकेगी.