बारिश और बिजली में पशुओं का बचाव बेहद जरूरी, बिहार पशु निदेशालय ने जारी की एडवाइजरी

बरसात के दिनों में पशु भी स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं.  ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे बारिश और बिजली से घबरा जाते हैं. ऐसी स्थिति में उनके दूध की मात्रा कम हो सकती है.

नोएडा | Published: 26 Aug, 2025 | 11:30 PM

बेमौसम बारिश, बिजली, आंधी-तूफान, इन सब प्राकृतिक आपदाओं से केवल किसान की फसलों को ही नुकसान नहीं होता बल्कि पशुओं को भी नुकसान होता है. इसलिए इन दिनों जितना ज्यादा जरूरी फसलों की सुरक्षा है, उतना ही जरूरी है कि किसान अपने पशुओं की भी सुरक्षा करें.  बारिश और ठनका यानी बिजली गिरने की संभावनाओं को देखते हुए बिहार पशु निदेशालय और मत्स्य विभाग ने पशुपालकों के लिए कुछ जरूरी एजवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में दिए गए निर्देशों का पालन कर पशुपालक अपने पशुओं को बारिश और बिजली गिरने जैसी आपातकालीन स्थिति से बचा सकेंगे.

पशुओं के लिए छत का इंतजाम

बरसात के दिनों में केवल बारिश का पानी और ठंड ही पशुओं के लिए खतरनाक नहीं होती है. बल्कि बिजली गिरना भी उनके लिए जानलेवा हो सकता है. अकसर बिजली का प्रकोप उन पशुओं पर होता है जो खुले में रहते हैं. इसलिए ऐसे में पशुपालकों के लिए बेहद जरूरी है कि वे अपने पशुओं की सुरक्षा के उचित इंतजाम करें. बिहार पशु निदेशालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पशुपालकों को ये सलाह दी जाती है कि बारिश और बिजली गिरने जैसी स्थिति बनने से पहले पशुशाला की जमीन ऊंची और सूखी रखें ताकि पना जमा न हो सके. पशुशाला की छत पर बिजली प्रवाहित करने वाली धातु जैसे टिन, लोहा, आदि न हो, अगर ऐसी धातु है तो उसे अर्थिंग से जोड़ें ताकि करेंट प्रवाहित होकर पशुओं को नुकसान न पहुंचाए.

दूध निकालने के समय को टालें

बारिश और बिजली के समय दुधारू पशुओं को खास खयाल की जरूरत होती है. पशुपालकों को इस बात का ध्यान रखान होगा कि बिजली गिरने या बारिश होने के समय पर पशुओं का दूध निकालने के समय को टाल दें. साथ पशु और दूध निकालने वाला व्यक्ति, दोनों ही लोग सूखी जगह पर रहें. अगर पशु बारिश में भीग गए हैं तो उन्हें तुरंत कपड़े या बोरी से पोछकर सुखा लें. इसके अलावा पशुओं को खुली जगह पर न रहने दें. बरसात के दिनों में उन्हें शेड में रखें.

सेहत का खास ध्यान रखें

बरसात के दिनों में पशु भी स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं.  ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे बारिश और बिजली से घबरा जाते हैं. ऐसी स्थिति में उनके दूध की मात्रा कम हो सकती है इसलिए उन्हें किसी शांत जगह पर रखें. ऐसे समय में बेहद जरूरी है कि पशुओं के भोजन का खास खयाल रखा जाए. पशुओं को स्वस्थय बनाए रखने के लिए उन्हें उर्जा और खनिज युक्त भोजन दें ताकि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके.

Published: 26 Aug, 2025 | 11:30 PM