शकरकंद की खेती त्योहारों में बढ़ाएगी किसानों की कमाई, जानें सबसे अच्छी किस्में

शकरकंद स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. खासकर दिवाली, छठ और अन्य त्योहारों के समय शकरकंद की डिमांड बढ़ जाती है, जिससे किसानों को अच्छे भाव मिलते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 26 Aug, 2025 | 03:21 PM

शकरकंद एक ऐसा पौधा है, जिसकी खेती से किसान जल्दी मुनाफा कमा सकते हैं. यह फसल जल्दी तैयार हो जाती है और इसे अलग-अलग मिट्टी और जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है. इसके साथ ही शकरकंद स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है, इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है. खासकर दिवाली, छठ और अन्य त्योहारों के समय शकरकंद की डिमांड बढ़ जाती है, जिससे किसानों को अच्छे भाव मिलते हैं.

शकरकंद की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और मौसम

शकरकंद की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. मिट्टी का पीएच स्तर 5.8 से 6.8 के बीच होना चाहिए. तापमान 25 से 34 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए.

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि नर्सरी तैयार करना सबसे पहला कदम है. कटिंग में 4 से 5 गांठें होनी चाहिए और उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए उपचार करना जरूरी है. रोपाई मेड़ों में करें, ताकि निकालने में आसानी हो. मेड़ों की दूरी लगभग 60×20 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. शकरकंद की फसल 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है, जबकि कुछ किस्मों में 120 से 150 दिन भी लग सकते हैं.

शकरकंद की प्रसिद्ध किस्में

सही किस्म का चुनाव करने से किसान को बेहतर मुनाफा मिल सकता है. कुछ प्रमुख किस्में हैं:

  • गार्नेट: गुलाबी छिलके वाली, मीठी किस्म.
  • श्री अरुण: अच्छा उत्पादन देती है.
  • भूख कृष्णा: उच्च उत्पादन वाली, लगभग 18 टन प्रति हेक्टेयर तक.
  • पुषा सुहावनी, ज्वेल, पर्पल स्टोक, हन्ना जापानी, राजेंद्र शकरकंद आदि.

शकरकंद की खेती में कमाई

शकरकंद की खेती से मुनाफा उत्पादन और गुणवत्ता पर निर्भर करता है. एक एकड़ से लगभग 200-300 क्विंटल उत्पादन संभव. इस हिसाब से प्रति एकड़ 2-3 लाख रुपए की कमाई हो सकती है. समय पर सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण, कीट और रोग प्रबंधन और अच्छी किस्म के चयन से मुनाफा बढ़ाया जा सकता है.

शकरकंद की खेती में खर्चा

किसानों को खेत तैयार करने, मेड़ बनाने, कटिंग लगाने, मिट्टी भुरभुरा करने, सिंचाई, निराई-गुड़ाई और खुदाई जैसे खर्चे आते हैं. एक एकड़ में लगभग 15,000 से 20,000 रुपए खर्च हो सकते हैं. यदि किसान खुद मेहनत करें और उनके पास कृषि यंत्र हों तो खर्च और कम हो सकता है.

शकरकंद की खेती का सही समय

शकरकंद गर्म मौसम पसंद करता है. इसकी बुवाई जुलाई, फरवरी-मार्च और जून-जुलाई में की जा सकती है. फसल सितंबर-अक्टूबर तक तैयार हो जाती है. बरसात में जल निकासी का ध्यान रखना जरूरी है.

शकरकंद के बीज कहां मिलेंगे

शकरकंद के बीज अब आसानी से ऑनलाइन मंगवाए जा सकते हैं. राष्ट्रीय बीज निगम (NSC) और अमेजन जैसी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. इसके अलावा आसपास की कृषि दुकानें भी बीज उपलब्ध कराती हैं.

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