सावधान! अगर आपकी गाय-भैंस देती है ज्यादा दूध, तो हो सकती है इस बीमारी की शिकार

गाय को इस बीमारी से बचाने के लिए जरूरी है कि आप उसे पहले से ही पोषक आहार दें. गर्भावस्था के समय उसका खास ध्यान रखें. अगर मिल्क फीवर जैसी समस्या हो, तो उसका तुरंत इलाज कराएं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 12 May, 2025 | 11:42 AM

गांव हो या शहर, दूध उत्पादन और डेयरी उद्योग में पशुपालकों की अहम भूमिका होती है. लेकिन जब उनकी गाय या भैंस बीमार पड़ती है, तो सिर्फ दूध का नुकसान नहीं होता, बल्कि पूरे परिवार की आमदनी पर असर पड़ता है. आज हम बात करेंगे डाउनर काऊ सिंड्रोम की. ये एक ऐसी स्थिति जब आपकी गाय खड़ी नहीं हो पाती और धीरे-धीरे बिल्कुल बेकार हो सकती है. ये बीमारी खासतौर पर उन गायों में देखी जाती है जो ज्यादा दूध देती हैं.

अगर आप पशुपालन से जुड़े हैं या गाय-भैंस पालते हैं, तो यह जानकारी आपके बहुत काम की है.

क्या होता है डाउनर काऊ सिंड्रोम?

डाउनर काऊ सिंड्रोम एक ऐसी गंभीर स्थिति है जिसमें गाय या भैंस अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाती. वह लगातार बैठी रहती है और उठने की कोशिश में थक जाती है. ये बीमारी अक्सर बियाने (डिलीवरी) के बाद होती है, खासकर तब जब गाय के शरीर में कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन की कमी हो जाती है.

किस गाय में होता है ज्यादा खतरा?

वैसे तो यह समस्या किसी भी नस्ल की गाय या भैंस को हो सकती है, लेकिन एचएफ नस्ल की गाय (होल्सटीन फ्रीजियन) या उन देसी गायों को जिनमें एचएफ नस्ल का सीमेन इस्तेमाल किया गया हो, उनमें इसका खतरा ज्यादा होता है. ये गायें बहुत दूध देती हैं, इसलिए उनके शरीर से पोषक तत्व जल्दी खत्म हो जाते हैं.

लक्षण क्या हैं?

डाउनर काऊ सिंड्रोम में गाय:

  • ज्यादा देर खड़ी नहीं रह पाती
  • खाना-पीना कम कर देती है
  • कभी-कभी बिल्कुल उठ ही नहीं पाती
  • आंखों और चेहरे पर भी कमजोरी दिखाई देती है

अगर आपकी गाय में ये लक्षण दिखें, तो तुरंत इलाज शुरू करना जरूरी है.

इलाज और देखभाल कैसे करें?

गाय को सहारा दें: गाय को बार-बार करवट दिलाएं और किसी चीज का सहारा देकर खड़ा करने की कोशिश करें.

नीचे बिछावन रखें: जहां गाय बैठी हो, वहां नरम बिस्तर या भूसा बिछाएं ताकि उसके शरीर को जख्म न हों.

गाय को पानी में ले जाएं: अगर संभव हो, तो गाय को तालाब या टैंक के पानी में खड़ा करें, जिससे उसके पैर हिलते रहें.

संतुलित आहार दें: गाय को गर्भावस्था के समय से ही अच्छा आहार दें, ताकि डिलीवरी के बाद कमजोरी न हो.

डॉक्टर की सलाह जरूरी: कभी भी कैल्शियम या फॉस्फोरस का इंजेक्शन खुद से न लगाएं, हमेशा डॉक्टर से पूछकर ही इलाज शुरू करें.

साफ-सफाई रखें: दूध निकालने के बाद थनों की सफाई करें और गाय के आस-पास का वातावरण स्वच्छ रखें.

कैसे बचाएं अपनी गाय को?

गाय को इस बीमारी से बचाने के लिए जरूरी है कि आप उसे पहले से ही पोषक आहार दें. गर्भावस्था के समय उसका खास ध्यान रखें. अगर मिल्क फीवर जैसी समस्या हो, तो उसका तुरंत इलाज कराएं.

छोटे-छोटे उपाय और समय पर देखभाल आपकी गाय को इस गंभीर बीमारी से बचा सकते हैं और उसे फिर से स्वस्थ बना सकते हैं.

Disclaimer- यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है. कृपया चिकित्सक या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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