मॉनसूनी खेती के लिए सही समय पर बुवाई जरूरी, बीज उपचार से लेकर खेत तैयारी तक जानें सबकुछ

बरसात के दिनों में बुवाई करने से पहले जरूरी है कि खेत की अच्छे से 2 से 3 बार गहरी जुताई की जाए, ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो सके और खरपतवार नष्ट हो सकें.

नोएडा | Updated On: 15 Jul, 2025 | 10:34 PM

मॉनसून की शुरुआत होते ही किसानों ने खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली फसलों की बुवाई शुरु कर दी है. ताकि उन्हें समय रहते अच्छी उपज मिल सके और उन्हें बेहतर दाम भी मिले. लेकिन मॉनसून में उगाई जाने वाली इन फसलों से अच्छा उत्पादन पाने के लिए जरूरी है कि सही समय और सही जलवायु में उचित ढंग से फसल की बुवाई की जाए. ऐसा न करने की स्थिति में बारिश के मौसम में फसल बर्बाद भी हो सकती है. इसलिए किसानों के लिए जरूरी है कि वे खेती करने से पहले सारी जानकारी जुटा लें.

कितनी बारिश हो जब बीज बुवाई की जाए

मॉनसून के दौरान खेती करने के लिए फसल की बुवाई तब करनी चाहिए जब 75 से 100 मिलीमीटर तक पहली बारिश हो. खेती के लिए इसे अच्छा माना जाता है. सीजन की पहली अच्छी बारिश के 8 से 10 दिन बाद बुवाई करना सही होता है क्योंकि तब मिट्टी में पर्याप्त नमी होती है और बीज अच्छे से अंकुरित होता है. बता दें कि बरसात होने से बहुत पहले या बहुत बाद में बुवाई करने से अंकुरण दर में कमा आ सकती है.

3 बार जुताई के बाद मिट्टी समतल होना जरूरी

बरसात के दिनों में बुवाई करने से पहले जरूरी है कि खेत की अच्छे से 2 से 3 बार गहरी जुताई की जाए, ताकि खेत की मिट्टी भुरभुरी हो सके और खरपतवार नष्ट हो सकें. जुताई के बाद खेत को समतल कर लें. खेत को समतल करने के बाद उसमें जल निकासी की उचित व्यवस्था करें. इसके लिए किसान चाहें तो खेत में जलनिकासी के लिए नालियां बना सकते हैं.

बुवाई से पहले बीज का उपचार काफी अहम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसी भी फसल के बीजों की बुवाई से पहले जरूरी है कि किसान बीजों का अच्छे से उपचार कर लें. उपचार के लिए बीजों को कार्बेन्डिजम जैसे केमिकल कीटनाशकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा ट्राइकोडर्मा या राइजोबियम जैसे जैविक उर्वरकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बता दें कि फसलों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.

इस विधि से करें बीजों की बुवाई

खेत में बीजों को सटीक और सही गहराई में बोने के लिए कतार में बो सकते हैं. ध्यान रखें कि बीजो को 3 से 7 सेमी गहराई में डालें, साथ ही कतार से कतार की दूरी 30 से 45 सेमी रखें. मॉनसून के सीजन में फसल को अलग से सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. हालांकि अगर बारिश कम हो तो खेत में ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई सिस्टम लगाकर सिंचाई की जा सकती है.

Published: 16 Jul, 2025 | 06:00 AM