रेड रॉट बीमारी को पनपने नहीं देती गन्ने की नई किस्म, कम लागत के चलते किसान बुवाई कर रहे

कृषि वैज्ञानिकों ने गन्ना की नई उपज विकसित की है, जो जल्दी तैयार होने के साथ कीट रेड रॉट बीमारी से लड़ने में सक्षम है. ज्यादा उपज भी देने के चलते किसान इस किस्म की खूब बुवाई कर रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 9 May, 2025 | 04:38 PM

देश में गन्ना एक प्रमुख नगदी फसल है, जो लगभग 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाई जाती है. खासतौर पर उत्तर भारत के सब ट्रॉपिकल इलाकों में इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है. ऐसे में गन्ना की Co 0238 (करण-4) किस्म किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है. यह ज्यादा उपज देने के साथ ही जल्दी तैयार होने वाली नई किस्म है. इस किस्म को करनाल स्थित आईसीएआर-शुगरकेन ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है. इस किस्म को हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में बुवाई के लिए उपयुक्त माना गया है.

रेड रॉट से लड़ने में सक्षम

गन्ने की किस्म Co 0238 से किसान औसत उपज करीब 81 टन प्रति हेक्टेयर हासिल कर सकते हैं. गन्ने की पुरानी किस्म CoJ 64 की तुलना में नई गन्ना किस्म में उपज लगभग 20 प्रतिशत से अधिक होती है. इसमें सुक्रोज की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे शुगर रिकवरी प्रतिशत भी बेहतर होती है. वहीं, इसका गुड़ हल्के पीले रंग का होता है और गुणवत्ता में बेहतरीन माना जाता है. इस किस्म को लाल सड़न (Red Rot) बीमारी के प्रति भी प्रतिरोधी माना जाता है.

चीनी रिकवरी ज्यादा

गन्ना किस्म करण-4 या Co 0238 किस्म के आने के बाद उत्तर भारत में गन्ने की उपज और शुगर रिकवरी में जबरदस्त सुधार देखा गया है.  सिर्फ उत्तर प्रदेश में इस किस्म की खेती 1.76 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई, जिससे औसतन प्रति हेक्टेयर 2.7 टन अतिरिक्त गन्ना उत्पादन हुआ. इससे किसानों की 133.56 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी हुई. इस किस्म की वजह से गन्ने से अतिरिक्त 1575 टन चीनी का उत्पादन हुआ, जिससे चीनी मिलों को करीब 3.94 करोड़ रुपये का फायदा हुआ. कुल मिलाकर, सिर्फ एक साल में Co 0238 ने 137.5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त मुनाफा किसानों और मिलों को दिलाया.

किसान कैसे करें खेती

गन्ना बहुवर्षीय फसल है. इसकी खेती के लिए दोमट या हल्की काली मिट्टी बढ़िया मानी जाती है. इसकी खेती लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह जोतकर समतल कर लें और गोबर खाद या कंपोस्ट मिलाएं. इसके बाद 2-3 आंखों वाले गन्ने के टुकड़ों को 2.5 से 3 फीट की दूरी पर कतारों में लगाएं. नमी बनाए रखने के लिए नियमित सिंचाई जरूरी है. इसकी खेती के लिए अक्टूबर से मार्च के बीच का समय उपयुक्त मानी जाती है.

Published: 9 May, 2025 | 04:36 PM