बिजली की तार पर बैठते हैं पक्षी, फिर भी क्यों नहीं लगता उन्हें झटका?

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि पक्षियों के शरीर की रचना में ऐसी विशेषताएं होती हैं जो उन्हें करंट से थोड़ा सुरक्षा देती हैं. उनके शरीर की कोशिकाएं और टिशूज बिजली को बहने से रोकते हैं, यानी वे करंट का विरोध (रेजिस्टेंस) करते हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 30 May, 2025 | 05:14 PM

जब भी हम बिजली के तारों पर आराम से बैठे पक्षियों को देखते हैं, तो मन में एक सवाल जरूर आता है “इतनी तेज बिजली इन तारों में दौड़ रही है, फिर भी पक्षियों को झटका या करंट क्यों नहीं लगता?” यह सवाल बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के मन में कभी न कभी जरूर आता है. पर अक्सर हम इसका सही जवाब नहीं जानते.

यह न सिर्फ एक मजेदार सवाल है, बल्कि इसके पीछे एक बेहद रोचक वैज्ञानिक कारण भी है. आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं.

बिजली कैसे बहती है, यह जानना जरूरी है

बिजली भी किसी नदी की तरह होती है उसे बहने के लिए रास्ता चाहिए. लेकिन बिजली का बहाव तभी होता है जब उसके पास एक पूरा सर्किट हो, यानी एक ऐसा रास्ता जिसमें वह एक तरफ से शुरू होकर दूसरी तरफ जाकर फिर अपने स्रोत तक लौट सके.

जब कोई इंसान या जानवर दो अलग-अलग वोल्टेज वाले बिंदुओं को छूता है, तो करंट उनके शरीर के अंदर से होकर बहने लगता है, क्योंकि अब बिजली को बहने का एक रास्ता मिल गया होता है. यही वह समय होता है जब हमें करंट का करंट लगता है.

पक्षियों को करंट क्यों नहीं लगता?

जब पक्षी बिजली के तार पर बैठते हैं, तो वे सिर्फ एक ही तार को दोनों पैरों से छूते हैं. इसका मतलब है कि उनके शरीर में वोल्टेज का कोई फर्क नहीं होता. दोनों पैरों पर वोल्टेज एक जैसा होता है, और जब ऐसा होता है, तो करंट बहता ही नहीं. ऐसे में पक्षी तार पर तो होते हैं, लेकिन वे बिजली के सर्किट का हिस्सा नहीं बनते. इसलिए बिजली उनके शरीर में से होकर नहीं गुजरती और उन्हें कोई नुकसान नहीं होता.

क्या पक्षी कभी करंट से मरते भी हैं?

हां, अगर कोई पक्षी गलती से एक साथ दो तारों को छू ले या फिर तार के साथ जमीन या किसी खंभे को भी छू ले, तो उसके शरीर में वोल्टेज का फर्क आ जाता है. अब उसका शरीर बिजली के लिए एक रास्ता बन जाता है और करंट बहने लगता है. ऐसे में पक्षी को करंट लग सकता है और वह मर भी सकता है.

इंसानों के साथ भी यही होता है. जब हम बिजली के तार को और साथ में जमीन को छूते हैं, तो एक सर्किट बन जाता है और हमें करंट लग जाता है.

क्या पक्षियों के शरीर में कोई खास गुण होते हैं?

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि पक्षियों के शरीर की रचना में ऐसी विशेषताएं होती हैं जो उन्हें करंट से थोड़ा सुरक्षा देती हैं. उनके शरीर की कोशिकाएं और टिशूज बिजली को बहने से रोकते हैं, यानी वे करंट का विरोध (रेजिस्टेंस) करते हैं. साथ ही तारों में जो तांबे (कॉपर) का प्रयोग होता है, वह बिजली को इतनी आसानी से बहाता है कि करंट को पक्षी के शरीर में जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती.

बिजली के बदलते ढांचे से बढ़ रहा है खतरा

कुछ देशों में, जैसे कि केन्या में, पुराने लकड़ी के खंभों को हटाकर अब स्टील और कंक्रीट के खंभे लगाए जा रहे हैं, जिनमें बिजली के तार ढीले और बिना अच्छी इंसुलेशन के लगे होते हैं. इससे पक्षियों को करंट लगने के मामले बढ़ गए हैं, खासकर उन पक्षियों के जो ऊपर से शिकार करते हैं जैसे चील, बाज आदि.

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