MSP, सिंचाई और नकली उत्पादों को लेकर भड़के किसान, सीएम आवास घेराव का ऐलान

हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एकजुट होकर किसान अपनी मांगों को लेकर कुरुक्षेत्र में हुंकार भरेंगे. कहा गया कि सीएम आवास घेराव के बाद आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है.

नोएडा | Updated On: 26 Aug, 2025 | 04:39 PM

सभी फसलों के लिए एमएसपी गारंटी के साथ फसलों की सिंचाई व्यवस्था और नकली उत्पादों समेत किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है. राज्य सरकार पर हरियाणा के किसान नेताओं ने किसानों की सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाते हुए हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा ने सीएम आवास के घेराव का ऐलान किया है. वहीं, समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

1 सितंबर को सीएम आवास घेराव करेंगे हजारों किसान

भारतीय किसान एकता के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि किसानों, ग्रामीणों और मजदूरों के मुद्दों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया है कि आगामी 1 सितंबर को सीएम नायब सैनी के आवास का घेराव किया जाएगा. इसके लिए किसान सुबह 10 बजे से ताऊ देवीलाल पार्क पिपली रोड कुरुक्षेत्र में इकट्ठा होंगे. इसके बाद किसान प्रदर्शन करते हुए सीएम आवास पर पहुंचेंगे.

चिट्ठी भेजी, ज्ञापन दिया पर सुनवाई नहीं होने से नाराज

औलख ने कहा कि बीते आठ अगस्त को पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर प्रदर्शन कर अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए थे. लेकिन, खेद की बात है कि सरकार ने किसानों की अनदेखी की और मांग पत्र पर विचार नहीं किया और ना ही किसानों को वार्ता के लिए बुलाकर उनकी मांगों का हल किया. औलख ने कहा कि किसानों की मांगों में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के तहत सी2+50 के अनुसार एमएसपी तय करके किसानों की फसलों की खरीद सुनिश्चित की जाए, निम्न क्वालिटी व नकली बीज, खाद, कीटनाशकों की बिक्री पर रोक लगाई जाए और खाद के वितरण में पारदर्शिता लाई जाए.

सिंचाई संकट से कपास की खेती नहीं कर पाए किसान

उन्होंने कहा कि पंजाब में भारी बरसात से हरियाणा के ऊपरी हिस्सों में बाढ़ आई हुई है. जबकि, सिरसा और फतेहाबाद की नहरों में पानी की सप्लाई नहीं दी जा रही है. इसकी वजह से इस बार बड़ी संख्या में किसान कपास की खेती करने से वंचित रह गए हैं. किसानों की मांग है कि नहरी पानी 3 सप्ताह सप्लाई और एक सप्ताह बंदी का शेड्यूल जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि नहरों, ड्रेनों की सफाई और सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया जाए और खाद में टैगिंग व कालाबाजारी बंद की जाए.

धान खरीद में नमी के नाम पर किसानों से उगाही बंद करें

किसान नेता ने कहा कि 15 सितंबर से राज्य के किसानों से धान की खरीद शुरू की जाए. परमल धान में नमी के नाम पर काट लगाकर किसानों को लूटने का काम किया जाता है, सरकार इस पर रोक लगाए. इसके अलावा जीटी बेल्ट में धान फसल में फैले फिजी वायरस के प्रकोप से हुए नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया जाए. इसके साथ मंडियों में धान खरीद और स्टॉक के साथ किसानों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं.

किसानों पर नए नियम थोपना बंद करे सरकार

औलख ने कहा कि सरकार हर रोज किसानों पर नए-नए कानून थोप रही है, जैसे खाद पर पोर्टल की कंडीशन लागू करना, नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए फव्वारा सिस्टम की अनिवार्यता, खेती के औजारों पर दी जाने वाली सब्सिडी के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पिछली तीन छमाही की फसलों के रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता. ट्यूबवैल कनैक्शन में अनावश्यक प्रक्रियाएं समाप्त की जाएं. बिजली बिल-2025 और स्मार्ट मीटर योजना को वापस लिया जाए.

किसानों की मर्जी के बिना बीमा प्रीमियम न काट जाए

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पारदर्शिता लाई जाए, किसानों की मर्जी के बिना उनके केसीसी खातों से बीमा प्रीमियम ना काटा जाए. खरीफ 2023 में खराब हुई फसलों का बीमा क्लेम देने की बजाए बैंकों द्वारा कई महीनों बाद बीमा प्रीमियम वापस किया गया उनके किसानों का बीमा प्रीमियम भरवाकर क्लेम जारी किया जाए. केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका से आने वाली रूई पर आयत शुल्क हटाकर किसानों को बर्बाद करने का काम किया है.

Published: 26 Aug, 2025 | 04:32 PM