देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक जिले नासिक में इस साल लगातार भारी बारिश के कारण खरीफ प्याज की खेती पर बुरा असर पड़ा है. राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस बार खरीफ प्याज की बुवाई पिछले साल की तुलना में 50 फीसदी तक कम हो सकती है. खास बात यह है कि 31 अगस्त तक सिर्फ 6,000 हेक्टेयर में खरीफ प्याज की बुवाई हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 30,000 हेक्टेयर था. हालांकि, 15 सितंबर तक बुवाई की संभावना अभी बाकी है, जिससे और करीब 9,000 हेक्टेयर तक क्षेत्र बढ़ सकता है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट का कहना है कि अगर प्याज की रकबे में गिरावट आती है, आने वाले महीनों में प्याज का रेट महंगा हो सकता है. क्योंकि, खरीफ प्याज की बुवाई जुलाई से सितंबर तक होती है और फसल की कटाई अक्टूबर के मध्य से शुरू हो जाती है, तब तक गर्मी के प्याज का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका होता है.
सूखे की स्थिति से प्याज की नर्सरी को नुकसान
अधिकारियों ने कहा कि मई की शुरुआत से लगातार बारिश और कुछ इलाकों में सूखे की स्थिति ने प्याज की नर्सरी को नुकसान पहुंचाया है. इसके कारण समय पर पौध तैयार नहीं हो सकीं, जिससे जुलाई और अगस्त में बुवाई में देरी और कमी आई. हालांकि, देर से बोए जाने वाले खरीफ प्याज (लेट खरीफ), जिसकी बुवाई सितंबर के अंत से अक्टूबर-नवंबर तक होती है, का क्षेत्र इस साल बढ़ सकता है.
बारिश से फसलों का पहुंचा नुकसान
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने भी पुष्टि की कि भारी बारिश से प्याज की नर्सरियों को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि लगातार बारिश की वजह से प्याज की पौध तैयार नहीं हो सकी, जिससे नासिक जिले में खरीफ प्याज की बुवाई पर असर पड़ा है. कुछ अन्य प्याज किसानों ने कहा कि नासिक की मंडियों (APMCs) में आमतौर पर अक्टूबर के मध्य से खरीफ प्याज की आवक शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल इसमें लगभग एक महीने की देरी हो सकती है. अब नई फसल की आवक अक्टूबर के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है, वो भी काफी कम मात्रा में. नवंबर के अंत तक आवक में बढ़ोतरी होने की संभावना है.
स्टॉक में मौजूद है पर्याप्त प्याज
वहीं, किसानों का कहना है कि उनके पास अभी भी गर्मी की प्याज का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है, जो नवंबर के अंत तक बाजार की मांग को पूरा करने के लिए काफी है. इसलिए प्याज की कोई कमी नहीं होगी और नवंबर के अंत तक थोक प्याज के दाम भी स्थिर बने रहने की उम्मीद है.