केकड़ा पालन से करें लाखों की कमाई, जानें कैसे करें शुरुआत

केकड़ा पालन का मतलब है कि तालाबों या कृत्रिम जलाशयों में केकड़ों को पालकर बड़ा करना. आइए जानते हैं कि कैसे आप इससे पैसा कमा सकते हैं?

Kisan India
Noida | Published: 6 Mar, 2025 | 07:25 PM

देश में जलीय जीवों का पालन तेजी से बढ़ता हुआ बिजनेस बन चुका है. मछली के बाद सबसे ज्यादा केकड़ा पालन किया जा रहा है. बाजार में समुद्री और मीठे पानी के केकड़ों की मांग लगातार बढ़ रही है.

इस कारण किसान और उद्यमी केकड़ा पालन को एक फायदेमंद बिजनेस के रूप में अपना रहे हैं. अगर आप भी कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो केकड़ा पालन एक अच्छा विकल्प हो सकता है. आइए जानते हैं कि आप इसे कैसे शुरू कर सकते हैं.

क्या है केकड़ा पालन?

केकड़ा पालन का मतलब है कि तालाबों या कृत्रिम जलाशयों में केकड़ों को पालकर बड़ा करना. केकड़े मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं— समुद्री और मीठे पानी के. लेकिन बेहतर स्वाद की वजह से मीठे पानी के केकड़ों की बाजार में अधिक मांग रहती है. मीठे पानी के केकड़ों की कीमत किसानों को अधिक मिलती है.

सबसे ज्यादा डिमांड वाले केकड़े

मड क्रैब: भारत में सबसे अधिक इसी प्रजाति के केकड़े का पालन किया जाता है. इसे दलदली केकड़ा भी कहा जाता है. इसकी मांग होटलों, रेस्टोरेंट, सुपरमार्केट और विदेशी बाजारों में बहुत अधिक है.

ब्लू स्विमिंग क्रैब: यह समुद्री पानी में पाया जाने वाला केकड़ा है और अपने स्वादिष्ट मांस की वजह से जाना जाता है. बाजार में इसकी अच्छी मांग की वजह से अब इसका पालन भी किया जा रहा है.

ग्रीन क्रैब: इस केकड़े का मांस नरम, मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जिससे इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग बनी रहती है.

कैसे करें केकड़ा पालन शुरू?

तालाब या जलाशय: केकड़ों को पालने के लिए सबसे पहले छोटे-छोटे तालाब बनाने होंगे. अगर आपके पास पर्याप्त जगह नहीं है, तो सीमेंट टैंकों में भी इनका पालन किया जा सकता है.

केकड़े का चयन: अच्छे प्रजनन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले केकड़ों का चयन जरूरी है. इसके लिए बाजार से 50-100 ग्राम वजन के केकड़े खरीदें. केकड़ों को एक-दूसरे से अलग रखने के लिए बांस या जाल से डिवाइडर भी लगाएं.

साफ पानी: केकड़ों की ग्रोथ के लिए पानी का साफ और संतुलित होना बहुत जरूरी है. इसलिए समय-समय पर पानी बदलते रहें.

केकड़ों का आहार: केकड़ों को मछली के टुकड़े, झींगे, घोंघे और शेलफिश का पाउडर या उबले हुए चिकन के अवशेष खिलाए जाते हैं. रोज सही मात्रा में खाना दें ताकि उनका वजन तेजी से बढ़े.

कम लागत और ज्यादा मुनाफा

केकड़ा पालन में किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिलता है. केकड़े जल्दी बड़े होते हैं और इनके साइज के अनुसार अच्छे दाम मिलते हैं. बाजार में केकड़ों की कीमत 800 से 1500 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?

Side Banner

गेहूं की उत्पत्ति किस क्षेत्र से हुई थी?