अब पशुओं के लिए भी जन औषधि केंद्र, किसानों को मिलेंगी सस्ती और बेहतर दवाएं

सरकार ने 'पशु औषधि योजना' की घोषणा की है. इस योजना के तहत मवेशियों के इलाज के लिए उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराई जाएंगी.

Kisan India
Noida | Published: 5 Mar, 2025 | 07:00 PM

पशुपालन किसानों की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन मवेशियों की बीमारियां अक्सर उनके लिए बड़ी समस्या बन जाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘पशु औषधि योजना’ की घोषणा की है. इस योजना के तहत मवेशियों के इलाज के लिए उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराई जाएंगी. यह योजना इंसानों के लिए चलाई जा रही ‘जन औषधि परियोजना’ की तर्ज पर होगी, जिसका मुख्य उद्देश्य पशुपालकों को कम कीमत में बेहतर चिकित्सा सुविधा देना है.

सरकार का बड़ा फैसला

पशुधन की देखभाल को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय कैबिनेट ने पशुओं की सेहत और बीमारियों की रोकथाम के लिए 3,880 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत मुख्य रूप से दो गंभीर बीमारियों जैसे खुरपका, मुंहपका रोग ( Foot and Mouth Disease) और ब्रुसेलोसिस (Brucellosis) पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

ये दोनों रोग मवेशियों के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं और पशुपालकों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इनसे बचाव के लिए सरकार व्यापक टीकाकरण अभियान चलाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा पशुओं को सुरक्षा मिल सके और पशुपालकों की आजीविका पर पड़ने वाले नकारात्मक असर को कम किया जा सके.

चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार

इस योजना के तहत सरकार मोबाइल वेटनरी यूनिट्स उपलब्ध कराएगी, जो गांव-गांव जाकर मवेशियों का इलाज करेंगी. साथ ही, ‘भारत पशुधन पोर्टल’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू किया जाएगा, जिससे किसानों को यह जानकारी मिल सकेगी कि उनके क्षेत्र में टीकाकरण और दवा वितरण की सुविधा कब और कहां उपलब्ध होगी.

कैसे मिलेगी सस्ती पशु दवा?

सरकार किसानों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पीएम किसान समृद्धि केंद्रों और सहकारी समितियों के माध्यम से जेनेरिक पशु औषधियां बांटेगी. इसके अलावा, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए एथनो-वेटनरी दवाएं भी दी जाएंगी, जिससे प्राकृतिक और देसी उपचार को अपनाने में मदद मिलेगी.

इस पहल से किसानों को महंगी दवाओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे किफायती दरों पर अपने मवेशियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली औषधियां ले सकेंगे, जिससे पशुधन स्वास्थ्य में सुधार होगा और उनकी उत्पादकता भी बढ़ेगी.

इस योजना के क्या फायदे होंगे?

किसानों की आय में वृद्धि: मवेशियों के स्वस्थ रहने से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में सुधार होगा.
पशु रोगों पर नियंत्रण: समय पर इलाज मिलने से पशु रोगों का प्रकोप कम होगा.
किफायती चिकित्सा सुविधा: महंगी दवाओं की जगह अब सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध होंगी.
डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम: लाइव मॉनिटरिंग के जरिए यह पता लगाया जा सकेगा कि कहां-कहां टीकाकरण हुआ और आगे कहां होना बाकी है.

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