28 अक्टूबर को चक्रवात ‘मोंथा’ का दिखेगा असर, बारिश से फसलों को होगा नुकसान.. बचाव के लिए करें ये उपाय

बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात ‘मोंथा’ 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश तट से टकरा सकता है. लगातार बारिश से धान की फसलें खराब हो रही हैं. सरकार ने किसानों की मदद के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और रोग नियंत्रण, खाद व दवा आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 26 Oct, 2025 | 08:21 AM

Andhra Pradesh News: बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात ‘मोंथा’ 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश तट से टकराने की संभावना है. इससे पहले ही बने कम दबाव के असर से लगातार बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में धान के खेत पानी में डूब गए हैं और फसलें खराब होने लगी हैं. कृषि विभाग के मुताबिक, राज्य में करीब 15.58 लाख हेक्टेयर में धान की खेती चल रही है, जो अलग-अलग चरणों फूल निकलने से लेकर कटाई तक में है. सबसे ज्यादा नुकसान कृष्णा, गोदावरी, बापटला, पलनाडु और नंद्याल जिलों में हुआ है, जहां लगातार नमी के कारण फसलों में दाने का रंग बदलना, पत्तों में झुलसा रोग और फफूंदी जैसी बीमारियां फैल रही हैं.

चक्रवात के असर को देखते हुए राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए आपात कदम उठाए हैं. कृषि विभाग ने आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर फसलों को बचाने के लिए तकनीकी दिशानिर्देश जारी किए हैं. किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों से तुरंत पानी निकालें और फफूंदी से बचाव  के लिए प्रति एकड़ 200 मिलीलीटर प्रोपिकोनाजोल का छिड़काव करें.

दाने अंकुरित होने से बचाने के लिए करें ये काम

जिन इलाकों में धान की फसल कटाई के करीब है, वहां विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किसान 5 फीसदी नमक का घोल  (प्रति लीटर पानी में 50 ग्राम नमक) का छिड़काव करें, ताकि दाने अंकुरित न हों और उनका रंग न बिगड़े. देर से बोई गई फसलों के लिए, पानी उतरने के बाद प्रति एकड़ 20 किलो यूरिया और 20 किलो एमओपी (पोटाश) देने की सलाह दी गई है.

नुकसान को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं

सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और कृषि अधिकारियों को प्रभावित इलाकों का दौरा करने, नुकसान का आकलन करने और किसानों को तुरंत खाद व दवाइयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.  इसी तरह कपास, मूंगफली और बाजरा के किसानों के लिए भी रोग नियंत्रण और नई बढ़त को प्रोत्साहित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है. कृषि मंत्री के. अच्चनैनायडू ने कहा कि सरकार हालात पर लगातार नजर रखे हुए है और किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी. उन्होंने कहा कि चक्रवात मोंथा के 28 अक्टूबर को तट से टकराने की संभावना है, इसलिए फसल नुकसान  को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. 

हरियाणा में कैसा रहेगा मौसम

वहीं, मैसम विभाग का ये भी कहना है कि  28 और 29 अक्टूबर की सुबह तक पश्चिमी विक्षोभ का असर पूरे हरियाणा में भी दिखेगा. इस दौरान कुछ जगहों पर बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश भी हो सकती है. विभाग ने कहा कि राजधानी चंडीगढ़ समेत पूरे हरियाणा में जल्द ही मौसम बदलने वाला है. 27 अक्टूबर से हिमालयी क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसका असर दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा पर पड़ेगा. 27 अक्टूबर की शाम से बादल छाने लगेंगे और कई जगहों पर हल्की बूंदाबांदी  हो सकती है. 

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Published: 26 Oct, 2025 | 08:15 AM

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