Madhya Pradesh News: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शविराज सिंह चौहान ने लोगों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी और विशाल बाजार हमारी सबसे बड़ी ताकत है. आज देश में 144 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता हैं. अगर हम भारत में बनी चीजें खरीदते हैं, तो इससे दुनिया की तरक्की नहीं रुकेगी, बल्कि हमारा देश और आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वदेशी मंत्र’ के चलते अब भारत मोबाइल फोन और सेमीकंडक्टर जैसे प्रोडक्ट्स का निर्यात भी करने लगा है. शिवराज सिंह चौहान ने स्वदेशी का मतलब मसझाते हुए कहा कि वो चीजें जो हमारे देश में बनी हों और जिनमें देशवासियों की मेहनत हो. ऐसे प्रोडक्ट्स से लोगों को रोजगार मिलता है और देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है.
दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा के बुधनी विधानसभा में सेवा पखवाड़ा के दौरान ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि बुधनी लगातार विकास की राह पर अग्रसर है. उन्होंने 110 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया. यहां 750 बिस्तरों का मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है, जबकि 50 बिस्तरों का सिविल अस्पताल पहले से तैयार है. इसके अलावा, सीएम राइज स्कूल, आईटीआई और कॉलेज जैसे संस्थान स्थापित किए गए हैं. फेक्टरियों की स्थापना से स्थानीय लोगों की क्रय क्षमता बढ़ी है और व्यापारियों का कारोबार भी मजबूत हुआ है. नेशनल हाईवे और रेल कनेक्टिविटी के कारण क्षेत्र के लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है.
खेल महोत्सव की शुरुआत का ऐलान
इस दौरान उन्होंने सांसद खेल महोत्सव की शुरुआत का ऐलान किया और कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ बच्चों के लिए नहीं है, बल्कि बहनों और बेटियों की भागीदारी भी तय की गई है. उन्होंने कहा कि खेल तनाव और दुख को दूर करने का एक शानदार तरीका है. महोत्सव में रस्साकशी, नींबू दौड़, कुर्सी दौड़, कबड्डी और क्रिकेट जैसी खेल प्रतियोगिताएं होंगी. भाग लेने वाली बहनों और बेटियों को प्रमाणपत्र और पुरस्कार भी दिए जाएंगे. मंत्री ने लोगों से अपील की कि अपने गांव या मोहल्ले की टीम का रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि वे भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकें.
महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान में माताओं और बहनों का स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. उन्होंने कहा कि पहला सुख निरोगी काया है. अगर हम बीमार हैं तो बाकी कोई चीज याद नहीं रहती. शिविर में 30 विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद थे, ताकि महिलाओं को चेकअप और इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़े. उन्होंने कहा कि महिलाएं अक्सर अपनी तकलीफ को छुपाती हैं और काम करती रहती हैं. यदि बीमारियों का समय पर पता चला तो उनका इलाज आसान होता है, अन्यथा छोटी समस्या बड़ी बीमारी में बदल सकती है. इस शिविर में पोषण टोकरी वितरण, टीबी रोकथाम और स्वास्थ्य जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया गया.