Fertilizers Black Marketing: आंध्र प्रदेश सरकार ने इस खरीफ सीजन के दौरान किसानों को समय पर और सुचारु रूप से खाद, कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. कृषि विभाग ने सभी खाद डीलरों और वितरकों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर जमाखोरी, कालाबाजारी, खाद का गलत इस्तेमाल किया तो सख्त कार्रवाई होगी. साथ ही अधिक दाम पर बिक्री करने वाले दुनकानदारों को भी बर्दाश्त नहीं की जाएगा. हालांकि, राज्य में खाद का स्टॉक पिछले खरीफ सीजन की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार इस बार की खरीफ फसल के लिए कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता पर भी खास ध्यान दे रही है, क्योंकि ये भी फसल की अच्छी पैदावार के लिए उतने ही जरूरी हैं. सिर्फ जुलाई महीने में ही 3.84 लाख मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति तय की गई है, जिसमें 1.30 लाख मीट्रिक टन यूरिया शामिल है.
6.22 लाख टन यूरिया आवंटित
हालांकि, केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए कुल 6.22 लाख मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया है, जिसमें से 1.95 लाख मीट्रिक टन पहले ही राज्य को मिल चुका है. ओपनिंग स्टॉक मिलाकर राज्य के पास अभी 4.93 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है, जो अगस्त के अंत तक की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.
रद्द किए जाएंगे लाइसेंस
यूरिया और बीज की बिक्री में अनियमितताओं को देखते हुए कृषि निदेशक एस राव ने सख्त चेतावनी दी है कि नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे और उनके खिलाफ फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर (FCO) 1985 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी साफ किया कि खाद का वितरण फसलों की बुआई के पैटर्न और जमीनी जरूरतों के अनुसार ही होना चाहिए.
स्टॉक में 30 फीसदी ज्यादा खाद
दरअसल, खरीफ सीजन शुरू होते ही आंध्र प्रदेश में किसान बड़ी संख्या में बीज और जरूरी खाद खरीदने के लिए दुकानों पर पहुंचे, जिससे मांग बढ़ गई है. इसी को देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और घबराकर अधिक खरीदारी न करें, क्योंकि इस बार राज्य में खाद का स्टॉक पिछले खरीफ सीजन की तुलना में 30 फीसदी ज्यादा है.
निजी विक्रेताओं को खास निर्देश
कृषि विभाग के निदेशक ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों तक कृषि इनपुट्स की आसान और निष्पक्ष उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस उद्देश्य से खाद कंपनियों, सहकारी समितियों, मार्कफेड, रायतु सेवा केंद्रों और निजी विक्रेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय स्तर पर पर्याप्त स्टॉक बनाए रखें और फील्ड स्टाफ के साथ पूरा सहयोग करें.