खुदरा महंगाई में गिरावट, जानिए क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?

अप्रैल के महंगाई के आंकड़े उपभोक्ताओं के लिए कुछ राहत लेकर आए हैं, खासकर खाद्य और सब्जियों की कीमतों में आई कमी के कारण. हालांकि, ईंधन और बिजली की बढ़ती कीमतें चिंता का विषय बनी हुई हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 14 May, 2025 | 10:56 AM

महंगाई के आंकड़े हमेशा से लोगों के जीवन पर गहरा असर डालते हैं, लेकिन इस बार राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने जो लेटेस्ट आंकड़े जारी किए हैं, वे कुछ राहत की खबर लेकर आए हैं. अप्रैल 2025 में भारत की खुदरा महंगाई दर (CPI) में गिरावट दर्ज की गई है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण बन सकती है. मार्च में महंगाई 3.34 फीसदी पर थी, जबकि अप्रैल में यह घटकर 3.16 फीसदी पर आ गई है. यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में कमी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण हुई है.

हालांकि, कोर सीपीआई (मुख्य महंगाई) में इस महीने कोई बड़ा बदलाव नहीं आया और यह 4.1 फीसदी पर स्थिर रही. लेकिन खाद्य महंगाई में उल्लेखनीय कमी आई है, जो मार्च में 2.69 फीसदी से घटकर अप्रैल में 1.78 फीसदी पर आ गई है. इसका मतलब है कि खाद्य वस्तुओं की कीमतें अब थोड़ी सस्ती हो गई हैं, जिससे घरों के बजट पर दबाव कम हुआ है. तो चलिए आगे जानते हैं कि आम लोगों को किन चाजों में मिली है राहत और अब भी किन चीजों पर दिख रही है महंगाई की मार?

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भी राहत

इस महीने की रिपोर्ट में एक और राहत देने वाली बात यह रही कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महंगाई दर में कमी आई है. ग्रामीण इलाकों में महंगाई 3.25 फीसदी से घटकर 2.92 फीसदी पर आ गई है, जबकि शहरी इलाकों में यह 3.43 फीसदी से घटकर 3.36 फीसदी पर रही. इसका मतलब यह है कि महंगाई की मार अब हर क्षेत्र में कम हो रही है, जो उपभोक्ताओं के लिए अच्छा संकेत है.

सब्जियों और दालों की कीमतों में गिरावट

सब्जियों की कीमतों में खासा बदलाव देखने को मिला है. जहां मार्च में सब्जियों की महंगाई 7.04 फीसदी थी, वहीं अप्रैल में यह गिरकर -10.98 फीसदी हो गई है. यानी सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई है. दालों में भी महंगाई कम हुई है, जो मार्च में -2.73 फीसदी से घटकर -5.23 फीसदी (माह-दर-माह) रही. यह उन परिवारों के लिए राहत की खबर है जो अक्सर इन वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं.

ईंधन और बिजली की बढ़ी कीमतें

हालांकि, एक चिंता की बात यह है कि ईंधन और बिजली की महंगाई में वृद्धि हुई है. जहां मार्च में यह 1.48 फीसदी थी, वहीं अब यह बढ़कर 2.92 फीसदी हो गई है. इसका असर आम जनता पर पड़ता है, क्योंकि ये दोनों चीजें हर घर की जरूरत बन चुकी हैं.

आवास और कपड़ा महंगाई में मामूली बदलाव

आवास की महंगाई में भी मामूली गिरावट आई है और यह 3.03 फीसदी से घटकर 3 फीसदी पर रही. वहीं, कपड़ा और जूता महंगाई में हल्की सी वृद्धि हुई है, जो 2.62 फीसदी से बढ़कर 2.67 फीसदी हो गई है. यह वृद्धि उन लोगों के लिए चिंता का कारण हो सकती है जो कपड़े और जूते खरीदने के लिए बजट बनाते हैं.

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Published: 14 May, 2025 | 09:56 AM

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