अगेती-पछेती बुवाई के लिए नए बीज तैयार होंगे, किसानों से श्रीअन्न खरीद बढ़ाने की घोषणा

उत्तर प्रदेश में अगेती-पछेती बुवाई के लिए तैयार होंगे नए बीज, सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद पर विशेष ध्यान दिया. सीएम योगी बोले– किसान अब सिर्फ लाभार्थी नहीं, यूपी के विकास का भागीदार भी होगें.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 5 May, 2025 | 02:19 PM

उत्तर प्रदेश की कृषि अब परंपरागत ढर्रे पर नहीं, बल्कि तकनीक, नये तरीके और रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में साफ किया कि प्रदेश का किसान सिर्फ योजनाओं का लाभार्थी नहीं रहेगा, बल्कि वह राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बनेगा. विशेष रूप से अगैती (early) और पछेती (late) बुवाई के लिए उपयुक्त नए बीज विकसित किए जाएंगे और किसानों से श्री अन्न (मोटा अनाज) की खरीद बढ़ाने की कार्ययोजना पर अमल होगा.

मोटे अनाज पर विशेष उत्साह

बैठक में मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री अन्न (मोटा अनाज) सको लेकर विशेष उत्साह दिखाया. इसके प्रोत्साहन और सरकारी खरीद की व्यवस्था को मजबूत बनाने की बात कही. उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को श्री अन्ना का बाजार मूल्य बेहतर मिले, इसके लिए नीति बनाकर काम काम किया जाए. इसके साथ ही प्राकृतिक और जैविक खेती के प्रसार भी गंभीरता जताई गई. सीएम योगी ने कहा कि जैविक उत्पादों का प्रमाणीकरण सुनियोजित तरीके से किया जाए, ताकि किसानों के उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिल सके.

बीज की गुणवत्ता होगी प्राथमिकता

मुख्यमंत्री योगी ने बीज की गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि जलवायु क्षेत्रों के अनुसार उपयुक्त बीज विकसित किए जाएं. अगैती और पछेती बोआई के लिए अलग-अलग बीज तैयार हों, किसानों को रियायती ( छूट) दर पर प्रमाणित बीज उपलब्ध हों. इसके लिए उन्होंने चौधरी चरण सिंह बीज पार्क की स्थापना की कार्यवाही तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए और कहा कि यह बीज क्षेत्र में क्रांति ला सकता है.

तकनीक आधारित कृषि को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का किसान योजनाओं का लाभार्थी मात्र नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास का सक्रिय भागीदार भी बनेगा. नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में कृषि आजीविका के साथ ही, समृद्धि और आत्मनिर्भरता का आधार भी बनेगी. सिर्फ बीज ही नहीं, कृषि नई तकनीक पर भी मुख्यमंत्री ने जोर दिया. उन्होंने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद और अन्य तकनीकी संस्थानों के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता जताई. उनका कहना था कि तकनीक आधारित कृषि के नये तरीके से ही प्रदेश का किसान वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनेगा.

कृषि यंत्रों के लिए व्यापक जन-जागरूकता अभियान

कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि आवेदन लेने से पहले व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाए. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा विकास खंडों के किसान इस योजना का लाभ उठा सकें.

देश के कृषि क्षेत्र का 11.41 फीसदी यूपी में

इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के कुल कृषि क्षेत्र का 11.41 प्रतिशत हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश की हिस्सेदारी 20.89 प्रतिशत है, जो किसानों की मेहनत और सरकार की प्रभावी नीतियों का प्रमाण है. वहीं साल 2016-17 में जहां कुल खाद्यान्न उत्पादन 557.46 लाख मीट्रिक टन था, वह 2024-25 में बढ़कर 725.12 लाख मीट्रिक टन हो गया है. इतना ही नहीं इस दौरान दलहन और तिलहन उत्पादन में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. यह न सिर्फ किसानों की मेहनत, बल्कि बीज, सिंचाई और बाजार तक पहुंच में सुधार का नतीजा है.

2.81 करोड़ किसानों को मिले 61,592 करोड़ रुपये

बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 2.81 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं और उनके खातों में 61,592 करोड़ रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने इसे पारदर्शिता और सुशासन का सटीक उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में दावों के भुगतान की प्रक्रिया को और तेज व तकनीकी रूप से दक्ष बनाने पर जोर दिया।

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Published: 5 May, 2025 | 02:18 PM

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