राजस्थान में खेती के दौरान होने वाले हादसों पर सरकार एक मददगार योजना चला रही है. जिसका नाम है मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना. इस योजना के तहत अगर किसी किसान, खेतिहर मजदूर या मंडी में काम करने वाले श्रमिक की मृत्यु हो जाती है या उसे गंभीर चोट लगती है तो सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है. मौत पर पूरे दो लाख रुपये और गंभीर चोट पर अलग-अलग राशि तय है. हालांकि, राहत तभी मिलती है जब सबूत पुख्ता हों कि चोट कैसे लगी, कहां लगी और क्यों लगी.. ये सब दस्तावेजों के जरिए साबित करना जरूरी है.
संजीवनी का काम करेगी सहायता योजना
सरकार का कहना है कि इस योजना के जरिए वे उन गरीब परिवारों को राहत देना चाहते हैं जिनकी जिंदगी का एक-एक दिन खेती के भरोसे चलता है. एक छोटा सा हादसा उनकी कमाई और भविष्य दोनों को तोड़ सकता है. ऐसे में ये योजना उन परिवारों के लिए संजीवनी बन सकती है
योजना का मुख्य उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि कार्य या मंडी परिसर में कार्य करते समय होने वाली दुर्घटनाओं से प्रभावित कृषकों और श्रमिकों को वित्तीय सुरक्षा देना है. इससे उन परिवारों को सहारा मिलेगा जिनकी आजीविका खेती पर निर्भर है और जो काम के दौरान चोटिल होते हैं या असमय मौत का शिकार हो जाते हैं.
कितनी मिलेगी सहायता राशि?
सहायता राशि घटना की गंभीरता के अनुसार तय की गई है-
- मृत्यु पर परिजनों को 2 लाख रुपये की राशि दी जाएगी.
- दो अंगों या आंखों के नुकसान पर 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.
- रीढ़ की हड्डी टूटने या कोमा की स्थिति में 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.
- बालों की डी-स्केल्पिंग (सिर की त्वचा उखड़ना) पर 40 हजार आंशिक डी-स्केल्पिंग पर 25 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.
- एक अंग जैसे हाथ, पैर, आंख आदि के नुकसान पर 25 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.
- अंगुलियों के कटने पर अलग- अलग राशि दी जाएगी. जैसे कि 4 अंगुलि कटने पर 20 हजार, तीन अंगुलि कटने पर 15 हजार, दो अंगुलि कटने पर 10 हजार और एक अंगुलि कटने पर 5 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
- फ्रैक्चर होने पर मंडी में काम करने वाले मजदूर को 10 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.
- एक अंडकोष के नुकसान पर 25 हजार, दोनों के लिए 40 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.
- कौन कर सकता है आवेदन?
- राज्य का कोई भी किसान, खेतिहर मजदूर या मंडी से अनुज्ञापत्र प्राप्त श्रमिक इस योजना के लिए पात्र है.
- इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी ?
- दुर्घटना की प्रकृति के अनुसार दस्तावेज तय होते हैं-
- अंगभंग की स्थिति में चिकित्सकीय प्रमाण पत्र,
- मृत्यु पर एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट,
- सर्पदंश या जानवर के काटने की स्थिति में राजकीय चिकित्सक का प्रमाण पत्र और पंचनामा.
कैसे करें आवेदन?
आवेदन संबंधित मंडी समिति या ई-मित्र केंद्र पर जनआधार के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है. मंडी समिति स्तरीय सहायता समिति आवेदन की समीक्षा कर निर्णय लेती है. अगर सभी दस्तावेज़ सही हैं तो 15 दिन के भीतर भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर दी जाती है. इसके लिए मंडी सचिव जिम्मेदार अधिकारी होंगे.