कृषि विभाग का बड़ा फैसला, 60 रुपये किलो MSP पर सितंबर से शुरू होगी जौ की खरीद

हिमाचल प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षित कर रही है और 'हिम-भोग' ब्रांड के तहत उत्पादों की बिक्री कर रही है. चंबा जिले में 60 रुपये किलो MSP पर 40 टन जौ खरीदी जाएगी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 6 Aug, 2025 | 02:32 PM

Buy Barley: हिमाचल प्रदेश की सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. साथ ही प्राकृतिक तरीके से उगाई गईं फसलों की खुद खरीदी भी करती है. इसी बीच खबर है कि राज्य सरकार चंबा जिले में सितंबर के आखिरी सप्ताह से जौ खरीदने जा रही है. इसके लिए उसने 60 रुपये किलो MSP तय किया किया. खास बात यह है कि कृषि विभाग ने इस साल प्राकृतिक तरीके से उगाए गए कुल 40 टन जौ खरीदने का प्लान बनाया है.

द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि चंबा जिले के पांगी क्षेत्र को प्राकृतिक खेती डिवीजन घोषित किया गया है. सरकार सितंबर के आखिरी सप्ताह से यहां के किसानों से 40 मीट्रिक टन जौ 60 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदेगी. प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों को ‘हिम-भोग’ब्रांड के तहत बाजारों में बेचना शुरू किया है. यह ब्रांड लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और उपभोक्ता रासायन-मुक्त (केमिकल-फ्री) उत्पादों को खरीदने के लिए आगे आ रहे हैं.

38,437 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती

प्रवक्ता का कहना है कि किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से राज्य सरकार उन्हें प्रशिक्षण दे रही है, ताकि वे अपने खेतों में केमिकल-फ्री फसलें उगा सकें. अब तक 3.06 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य की 3,584 ग्राम पंचायतों में 38,437 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया गया है और 2.22 लाख से ज्यादा किसान कई फसलें उगा रहे हैं. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 1 लाख और किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाए, ताकि उपभोक्ताओं को शुद्ध और केमिकल-फ्री उत्पाद मिल सकें. अब तक 88 विकास खंडों के 59,068 किसान और बागवानी से जुड़े लोग रजिस्ट्रेशन फॉर्म भर चुके हैं.

1.40 करोड़ रुपये की राशि खातों में ट्रांसफर

ऐसे इस साल कृषि विभाग ने 838 किसानों से 2,123 क्विंटल गेहूं 60 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा है और उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए 1.27 करोड़ ट्रांसफर किए हैं. इसके अलावा गेहूं के परिवहन पर 4.15 लाख की फ्रेट सब्सिडी भी दी गई है. जबकि पिछले साल विभाग ने 10 जिलों के 1,509 किसानों से 399 मीट्रिक टन नेचुरली उगाई गई मक्का खरीदी थी, जिसके बदले किसानों को 1.40 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की गई थी.

127 मीट्रिक टन प्राकृतिक हल्दी की खरीदी

प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने ग्रामीण आबादी की आजीविका सुधारने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से गेहूं और मक्का जैसी फसलों पर उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अन्य फायदे मिलने के कारण किसान अब बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती अपना रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने छह जिलों के किसानों से 127 मीट्रिक टन प्राकृतिक हल्दी 90 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदी है, जिसके लिए कुल 1.14 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं.

 

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Published: 6 Aug, 2025 | 02:26 PM

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