किसानों को 32 लाख सोलर पंप देने की शुरुआत, 90 फीसदी छूट दे रही राज्य सरकार

सीएम डॉ. मोहन यादव ने राज्य के किसानों से अपील कि किसान पराली जलाने से बचें. क्योंकि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण की समस्या होती है बल्कि जमीन की उर्वरक क्षमता भी कम हो जाती है. राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को सब्सिडी के साथ मशीनें भी मुहैया करा रही है.

नोएडा | Updated On: 4 May, 2025 | 10:50 PM

देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हमेशा कोशिशों में लगी रहती हैं. केंद्र सरकार किसानों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती है. इसी तर्ज पर राज्य सरकारें भी अपने प्रदेश के किसानों के लिए नई-नई योजनाएं लेकर आती है. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में मुख्य मंत्री डॉ मोहन यादव की सरकार किसानों के हित के लिए काम करने में हमेशा आगे रहती है. नीति आयोग के अनुसार मध्य प्रदेश देश में सबसे तेज प्रगति करने वाला राज्य बन गया है. जो कि आने वाले समय में और भी प्रगतिशील और समृद्ध बनेगा. किसानों को खेती के लिए बढ़ावा देने के लिए एमपी सरकार बिजली, गौपालन, बागवानी पर कई तरह की सब्सिडी भी मुहैया करा रही है.

राज्य के किसानों को कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. एमपी सरकार के इन अहम फैलसों के पीछे एक ही उद्देश्य है राज्य के कृषि क्षेत्र को बेहतर बनाना और किसानों को आर्थिक तौर पर मजबूती देना. इसके साथ ही पराली जलाने जैसी गंभीर समस्या के समाधान के रूप में एमपी में किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मशीनें भी दी जा रही हैं जिनपर सरकार सब्सिडी भी दे रही है.

सौर उर्जा से किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

मध्य प्रदेश सरकार किसानों तो बिजली में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी में है. किसानों को पांच, तीन और दो हार्स पॉवर तक के सौर पम्प खरीदने के लिए कुल कीमत का मात्र 10 फीसदी देना होगा, बाकी बची हुई राशि सरकार की तरफ से दी जाएगी. बता दें कि साल भर में इस तरह से किसानों को 32 लाख सोलर पंप मुहैया कराए जाएंगे. इन सोलर पंप्स की मदद से किसान बिजली बनाएंगे जो कि उनकी खेती में भी काम आएगा. अपनी जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा करने पर किसान अतिरिक्त बिजली को राज्य सरकार को बेच भी सकते हैं. सरकार किसानों को इस बिजली का भुगतान भी करेगी. सरकारी की इस योजना से किसान बिजली बिल के भुगतान से भी बच जाएंगे. इस तरह किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई आदि के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. साथ ही उनकी आर्थिक स्थित में भी सुधार आएगा.

पराली प्रबंधन के लिए मिलेगी सब्सिडी

सीएम डॉ मोहन यादव ने राज्य के किसानों से अपील कि किसान पराली जलाने से बचें. क्योंकि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण की समस्या होती है बल्कि जमीन की उर्वरक क्षमता भी कम हो जाती है. राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए किसानों को सब्सिडी के साथ मशीनें भी मुहैया करा रही है. इसके साथ ही एमपी में उन्नत खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. इसके लिए सरकार सुनिश्चित कर रही है कि किसानों को उनकी उपज , उनके उत्पादों का उचित दाम मिले. इसके साथ ही किसानों तक सरकारी योजनाओं का लाभ भी पहुंचाया जा सके. बता दें कि एमपी में संतरा, केला समेत कई अन्य उत्पादन बड़ी मात्रा में होते हैं. राज्य सरकारी यह सुनिश्चित कर रही है कि इन उत्पादों की ब्रांडिंग मध्य प्रदेश के नाम पर ही हो. वहीं सीएम मोहन यादव का कहना है कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ों परियोजना से उज्जैन के किसानों को काफी फायदा होगा. वहां कि हर एक किसान के खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचेगा.

दुग्ध उत्पादन के लिए गौपालन को बढ़ावा

मध्य प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए गौपालन कि लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है . इतना ही नहीं राज्य सरकार किसानों का रुझान गौपालन की तरफ लाने के लिए 25 गाय-भैंस पालने पर 25 फीसदी तक की सब्सिडी भी दे रही है. बात करें देश के दुग्ध उत्पादन में मध्य प्रदेश के योगदान की तो देश के कुल दुग्ध उत्पादन में 9 फीसदी योगजान एमपी का है. एमपी सरकार की कोशिश है कि यह प्रतिशत 9 से 20 पर पहुंचाया जाए. राज्य में बागवानी, दुग्ध उत्पादन और उन्नत खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानो को सब्सिडी मुहैया करा रही है. प्रदेश के किसानों से सीएम यादव ने अपील की है कि जमीन की एक-एक इंच को कृषि के लिए इस्तेमाल करें. बेसहारा, लावारिस, अपाहिज गौमाता की देख-रेख के लिए 20 रूपए की जगह पर 40 रूपए प्रति गाय की दर से सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार ने आपदा में तत्काल मदद करने के उद्देश्य से एयर एम्बुलेंस सेवा का संचालन भी शुरू किया है

Published: 5 May, 2025 | 09:00 AM