किसी भी फसल में कीटों का लग जाना आम बात है , अकसर खेती से जुड़ी सही जानकारी न होने के कारण या कभी-कभी किसानों की लापरवाही के कारण फसलों पर कीटों का आक्रमण हो जाता है. इससे न केवल फसल बर्बाद होती है बल्कि किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसा ही कुछ कोदो की फसल के साथ भी है. इसकी फसल में भी कुछ खास कीट लग जाते हैं , जो कि फसल की पैदावार को खराब कर सकते हैं. अगर समय रहते इन कीटों को नियंत्रित न किया जाए तो ये फसल को पूरी तरह से नष्ट कर सकते हैं.
कोदो की फसल को खराब करने वाले कीट
तना छेदक (Stem borer)
यह एक ऐसा कीट है जो पौधों के तनों में जाकर सुराख कर देता है और तने को अंदर से खाना शुरू कर देता है. इस कीट के आक्रमण से पौधों का तना कमजोर हो जाता है और फसल का विकास रुक जाता है , इसके साथ ही पौधा सूखने भी लगता है. इस कीट से फसल को बचाने के लिए पौधे के प्रभावित हिस्से को काटकर अलग कर दें. खेत में फसलों के पास फेरोमोन ट्रैप लगाएं. इसके अलावा किसान चाहें तो नीम के तेल जैसे जैविक कीटनाशक का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
बालदार इल्ली (Hairy Caterpillar)
बालदार इल्लियां सीधे पत्तियों पर आक्रमण करती हैं. ये इल्लियां पत्तियों को खाकर उन्हें नष्ट कर देती हैं जिससे पौधा कमजोर होने लगता है. कभी-कभी इनका आक्रमण इतना तेज होता है कि पूरी फसल खराब हो जाती है. बालदार इल्लियों से कोदो की फसल को बचाने के लिए पौधों पर दिखने वाले अंडों के गुच्छों को नष्ट कर दें. इसके साथ ही खेती में लाइट ट्रैप लगाए जिनमें फंसकर ये कीट मर जाए. इसके अलाव अगर किसान चाहें तो फसल पर जैविक कीटनाशकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
थ्रिप्स और माइट्स (Thrips & Mites)
देखने में ये दोनों कीट बेहद ही छोटे होते हैं लेकिन ये पौधों पर आक्रमण कर पत्तियों से रस चूस लेते हैं. जिसके कारम पत्तियां पीली पड़कर सिकुड़ जाती हैं. इन कीटों से फसलों को बचाने के लिए नीम तेल के 5 मिली प्रति लीटर की दर से फसल पर छिड़काव करें. किसान चाहें तो कीटनाशकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.