भारत के किसानों के लिए यह मौसम सिर्फ फसलों की नहीं, बल्कि नई उम्मीदों की भी बौछार लेकर आया है. रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक, आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में देश में ट्रैक्टरों की बिक्री में 4 से 7 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इसकी सबसे बड़ी वजह इस साल मॉनसून का समय पर और सामान्य से बेहतर रहने का अनुमान है.
ICRA के अनुसार, पिछले वित्त साल 2024-25 में ट्रैक्टर की बिक्री में 7 फीसदी की वृद्धि हुई थी, जो कि पर्याप्त बारिश और कृषि क्षेत्र में स्थिर मांग के कारण संभव हो पाया. इस बार भी मॉनसून की शुरुआत समय पर होने से किसानों को खेती के लिए जरूरी उपकरण खरीदने में मदद मिलेगी. साथ ही, खरीफ फसलों की उत्पादन में 7.9 फीसदी की बढ़ोतरी और रबी फसलों की बुवाई में 1.5 फीसदी की वृद्धि ने भी इस क्षेत्र को मजबूती दी है.
नए उत्सर्जन मानक और पूर्व-खरीदारी
1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाले TREM V उत्सर्जन मानकों के कारण भी ट्रैक्टर खरीद में तेजी आ सकती है. कई किसान और व्यापारी इस नए नियम के लागू होने से पहले ही नए ट्रैक्टर खरीदने की योजना बना रहे हैं, जिससे बिक्री में और वृद्धि होने की उम्मीद है.
प्रमुख कंपनियों का प्रदर्शन
महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने इस क्षेत्र में मजबूत प्रदर्शन किया है और मई 2025 में घरेलू बाजार में ट्रैक्टर बिक्री में 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है. वहीं, ऐस्कॉर्ट्स कुबोटा और वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन कुल मिलाकर ट्रैक्टर उद्योग का माहौल सकारात्मक बना हुआ है.
कीमत और चुनौतियां
हालांकि, इस क्षेत्र को कुछ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है. अप्रैल 2025 से स्टील आयात पर 12 फीसदी टैरिफ लागू होने से उत्पादन लागत बढ़ सकती है. इसके बावजूद, ट्रैक्टर निर्माताओं की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है, क्योंकि उनके पास कम कर्ज और पर्याप्त नकदी उपलब्ध है.
किसानों के लिए उम्मीद की किरण
ट्रैक्टर की बढ़ती बिक्री से न केवल किसानों को खेती के लिए बेहतर उपकरण मिलेंगे, बल्कि इससे उनकी उत्पादकता और आय में भी सुधार होगा. समय पर मॉनसून और सरकारी योजनाओं के साथ, कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है.