कम दूध, ज्यादा खर्च और लगातार घाटा.. भैंस पालन में इन 3 बातों पर नहीं दिया ध्यान तो पछताएंगे

भैंस पालन में मुनाफा तभी मिलेगा जब कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए. सिर्फ अच्छी नस्ल या चारा ही काफी नहीं है. अगर इन तीन बातों को नजरअंदाज किया गया तो भैंस पालन घाटे का सौदा बन सकता है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 9 Jul, 2025 | 07:35 PM

भैंस पालन को आमतौर पर एक फायदे का सौदा माना जाता है. लेकिन बहुत से पशुपालकों को शिकायत रहती है कि खर्चा ज्यादा हो रहा है और दूध कम मिल रहा है. वजह क्या है? असल में मुनाफे के लिए सिर्फ नस्ल या चारा ही काफी नहीं होता, बल्कि कुछ बुनियादी बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. अगर आपने इन तीन जरूरी बातों की अनदेखी की तो भैंस पालन फायदे की जगह घाटे का सौदा बन सकता है.

1. हर साल बच्चा देनी चाहिए भैंस

भैंस से फायदा तभी होगा जब वह हर साल एक बच्चा दे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसकी रोजाना देखरेख, चारा-पानी और दवाइयों में जो का खर्च आता है, वह वसूल करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए जरूरी यह है कि आपकी भैंस का वजन कम से कम 350 किलो हो और उसका प्रजनन चक्र नियमित हो. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भैंस लंबे समय तक बच्चा नहीं दे रही है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें. सही समय पर गर्भाधान और संतुलित आहार से यह दिक्कत दूर की जा सकती है.

2. भैंस के लिए आरामदायक और सुरक्षित बाड़ा बनाएं

दूध उत्पादन  सीधे तौर पर इस बात पर निर्भर करता है कि भैंस को कितना आराम मिलता है. अगर बाड़ा साफ, सूखा और हवादार न हो तो भैंस बीमार पड़ने लगती है. इसलिए, बाड़ा बनाते समय ध्यान रखें कि फर्श कच्चा या ऐसा होना चाहिए जो फिसलने वाला न हो. बाड़ा ऐसा हो जो कि बरसात और सर्दी-गर्मी से बचने के लिए बाड़ा पूरी तरह ढंका होना चाहिए. इसके अलावा, हर समय साफ पानी उपलब्ध हो और मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी या धुएं का इंतजाम हो. क्योंकि, थकावट और तनाव वाली स्थिति में भैंस दूध देना कम कर देती है.

3. समय पर टीकाकरण कराना जरूरी

अगर आपकी भैंस बार-बार बीमार पड़ती है तो इसका सीधा असर उसके दूध देने की क्षमता और उम्र पर पड़ता है. इसलिए समय-समय पर टीकाकरण कराना बेहद जरूरी है. डॉक्टर की सलाह से हर तीन महीने में पेट के कीड़ों की दवा जरूर दें. यही नहीं, खुरपका-मुंहपका और गलाघोटू जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीके लगवाएं. इसके अलावा, थनैला जैसी बीमारी सीधे दूध पर असर डालती है, इसलिए उसके लक्षणों को पहचानें और समय रहते इलाज कराएं. याद रखें, एक स्वस्थ भैंस ही ज्यादा दूध देती है और लंबे समय तक साथ निभाती है.

भैंस पालन में मुनाफा  तभी होगा जब आप इन तीन बातों का खास ध्यान रखें. अगर इन बातों की अनदेखी की तो रोजाना खर्च बढ़ेगा, दूध घटेगा और मुनाफा शून्य हो जाएगा. इसलिए अगर भैंस पालन से कमाई करनी है तो ये लापरवाही की बिल्कुल न करें.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 9 Jul, 2025 | 07:35 PM

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?

Side Banner

अमरूद के उत्पादन में सबसे आगे कौन सा प्रदेश है?