ये भैंसें प्रति साल 3000-3500 लीटर दूध देती हैं. यह नस्ल रोग प्रतिरोधक, मजबूत और उच्च दूध वाली है. संतुलित आहार, वैक्सीनेशन और देखभाल से किसान अच्छी आमदनी और आर्थिक सुरक्षा हासिल कर सकते हैं.
असली मुर्रा भैंस की पहचान के लिए शरीर, सिंग, पूंछ, रंग और दूध उत्पादन पर ध्यान दें. मुर्रा नस्ल दूध उत्पादन में श्रेष्ठ है और किसानों के लिए लाभकारी है. नकली भैंस से बचें. सही पहचान से डेयरी व्यवसाय में सफलता मिलती है.
गाय, भैंस और बकरी- तीनों का दूध अपने-अपने फायदे लिए होता है. कोई हल्का है तो कोई ताकत देने वाला. जानिए कौन-सा दूध आपकी सेहत के लिए सबसे बेहतर है और किसे पीने से मिलता है ज्यादा फायदा.
भारत सरकार और राज्य सरकारें गौशालाओं के लिए सब्सिडी, ऋण और योजनाएं उपलब्ध कराती हैं. राष्ट्रीय गोवर्धन योजना के तहत गोवंश संरक्षण और देखभाल के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है. इनका सही उपयोग करने से गौशाला को स्थिरता और बेहतर सुविधा मिलती है.
जाफराबादी भैंस भारत की सबसे ताकतवर भैंसों में से एक है. पशुपालन मंत्रालय का भी मानना है कि यह शेरों से लड़ने की क्षमता रखती है और रोजाना 30 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है. इसीलिए अगर आप डेयरी बिजनेस करते हैं या करने जा रहे हैं तो मुनाफे के लिए इस नस्ल की भैंस का आपके बाड़े में होना बेहद जरूरी है.
कई बार बिना पूरी जानकारी के पशु खरीदने से नुकसान हो सकता है. इसलिए, अगर आप अपने फार्म के लिए गाय, भैंस या बछड़ा लेने जा रहे हैं, तो कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है.