पुष्कर मेले में 21 करोड़ की भैंस की मौत की झूठी खबर ने अफरा-तफरी मचा दी. सोशल मीडिया पर फैली गलत जानकारी से लोग भ्रमित हो गए. बाद में पशुपालन विभाग ने बताया कि भैंस पूरी तरह स्वस्थ है और किसी भी तरह की दिक्कत में नहीं है.
मुर्रा भैंस किसानों के लिए आय का मजबूत जरिया बन चुकी है. यह भैंस रोजाना खूब दूध देती है और आसान पालन के कारण हरियाणा-पंजाब ही नहीं, देशभर में लोकप्रिय है. डेयरी बिजनेस के लिए यह सबसे भरोसेमंद नस्ल मानी जाती है.
जब कोई गाय या भैंस ठीक से दूध नहीं देती, तो किसान की मेहनत पर पानी फिर जाता है. बहुत से पशुपालक इस समस्या का सामना करते हैं कि पशु दूध तो देता है, लेकिन पूरा दूध नहीं उतरता या कई बार बिल्कुल ही नहीं उतरता. इससे न केवल दूध की मात्रा कम होती है, बल्कि पशु की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है.
भारत में भदावरी भैंस अपनी उच्च वसा वाले दूध के लिए मशहूर है. यह देसी नस्ल कम खर्च में ज्यादा मुनाफा देती है. किसानों में इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है क्योंकि इसका दूध घी और मक्खन बनाने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है.
राजस्थान के पुष्कर में सालाना पशु मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार भी यहां देशभर से पशु और पशु प्रेमी पहुंचे हैं. यहां 23 करोड़ रुपये का भैंसा अनमोल और 15 करोड़ रुपये का घोड़ा शाहबाज लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. यहां पहुंची 16 इंच बड़ी गाय को लेकर लोगों में कौतूहल देखा जा रहा है.
मुर्रा भैंस को भारत की सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल माना जाता है. कहा जाता है कि जिसके पास मुर्रा भैंस होती है, उसकी कमाई जल्दी बढ़ जाती है, क्योंकि यह नस्ल सामान्य भैंसों की तुलना में दोगुना दूध देती है. इसके दूध में फैट की मात्रा 7 फीसदी या उससे ज्यादा होती है.