बरसात में फैलता है ये खतरनाक रोग! लापरवाही पर जा सकती है पशुओं की जान, ऐसे करें बचाव

बरसात के मौसम में दुधारू पशुओं में एक घातक रोग तेजी से फैलता, जो खासतौर पर भैंसों को निशाना बनाता है. सावधानी और सतर्कता ही इस जानलेवा बीमारी से पशुओं को बचा सकती है.

नोएडा | Updated On: 20 Jul, 2025 | 11:41 AM

बरसात का मौसम जहां हरियाली और राहत लेकर आता है, वहीं पशुपालकों के लिए यह चिंता का कारण भी बन जाता है. इसी मौसम में गाय और भैंसों में एक जानलेवा रोग तेजी से फैलता है, जो कई बार बिना किसी चेतावनी के पशुओं की जान तक ले लेता है. इस रोग का नाम है गलघोंटू रोग (एच.एस.). यह रोग इतना खतरनाक है कि अगर समय रहते पहचान न हो और इलाज में देरी हो जाए तो पूरा पशुधन खतरे में पड़ सकता है. इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भैंसें होती हैं और यह बीमारी तेजी से एक पशु से दूसरे में फैलती है.

क्या है ये बीमारी और कैसे फैलती है?

हिमाचल सरकार के पशुपालन विभाग के मुताबिक, यह रोग गलाघोंटू के मौसम में ज्यादा फैलता है और खासतौर से भैंसों को अपनी चपेट में लेता है. इसका असर अचानक होता है और कई बार पशु की मौत बिना किसी लक्षण के भी हो जाती है. आमतौर पर इसके लक्षणों में तेज बुखार, गले में सूजन, सांस लेने में परेशानी, जोर से आवाज निकालते हुए सांस लेना आदि शामिल होते हैं. कुछ मामलों में तो पशु एकदम सामान्य दिखता है और कुछ ही घंटों में दम तोड़ देता है. यही इसकी सबसे खतरनाक बात है यह कि यह बीमारी मौका नहीं देती.

समय पर इलाज है एकमात्र बचाव

अगर किसी पशु में गलघोंटू रोग (एच.एस.). के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत पास के पशु डॉक्टर को दिखाना चाहिए. क्योंकि इलाज में देरी करना जानलेवा हो सकता है. समय रहते इलाज मिलने पर पशु को बचाया जा सकता है. आमतौर पर डॉक्टर एंटीबायोटिक और जरूरी दवाएं देते हैं, जिससे बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन ध्यान रखें, इलाज का असर तभी होता है जब समय रहते शुरू किया जाए. इसलिए कोई भी लक्षण दिखे तो देर न करें और तुरंत उपचार करवाएं. सतर्कता ही आपके पशु को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकती है.

टीकाकरण ही है सबसे असरदार उपाय

इस खतरनाक गलघोंटू से बचाव  का सबसे असरदार तरीका है कि पशुओं को समय पर टीका लगवाया जाए. पशुपालन विभाग की ओर से ये टीके निःशुल्क लगाए जाते हैं. इसके लिए पहला टीका 3 महीने की उम्र में, दूसरा 9 महीने में और इसके बाद हर साल एक बार लगवाना जरूरी होता है. टीकाकरण से इस रोग को पूरी तरह रोका जा सकता है.

ध्यान देने कि बात यह है कि जिन क्षेत्रों में यह बीमारी पहले फैल चुकी है, वहां पशुपालकों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. समय पर टीका न लगवाने से जानवरों की जान को खतरा हो सकता है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए सभी पशुपालकों को सलाह है कि वे अपने गाय-भैंस का टीकाकरण समय से जरूर करवाएं.

Published: 20 Jul, 2025 | 11:41 AM