अक्सर पशुपालक सोचते हैं कि जो गाय या भैंस स्वस्थ दिखती है, उसे कोई बीमारी नहीं होती. लेकिन यही सबसे बड़ी भूल होती है. क्योंकि कई बार जो पशु बाहर से पूरी तरह फिट नजर आते हैं, वे अंदर से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में होते हैं. ऐसी ही एक खतरनाक बीमारी है लंगड़ा बुखार, जिसे ब्लैक क्वार्टर (Black Quarter) या BQ भी कहा जाता है. यह बीमारी खासकर स्वस्थ और सेहतमंद पशुओं को होती है और बहुत तेजी से फैलती है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि अगर समय पर इलाज न मिले तो पशु की जान भी जा सकती है.
ऐसे करें लंगड़ा बुखार की पहचान
लंगड़ा बुखार एक जीवाणुजनित (बैक्टीरियल) रोग है, जो विशेष रूप से गाय, बैल जैसे गोपशुओं में पाया जाता है. यह बीमारी खासतौर पर ऐसे पशुओं को प्रभावित करती है, जो दिखने में पूरी तरह से तंदुरुस्त, जवान और मजबूत होते हैं. यानी कई बार जो पशु बाहर से बिल्कुल ठीक लगते हैं, उनके शरीर के भीतर कोई गंभीर संक्रमण पल रहा होता है और यही बात पशुपालकों की सबसे बड़ी गलती बन जाती है.
इस रोग की शुरुआत आमतौर पर अचानक होती है. पहले चरण में पशु के पिछले या अगले किसी एक पैर के ऊपरी हिस्से में हल्की सूजन दिखाई देती है. बाद में धीरे-धीरे सूजन बढ़ने लगती है और पशु उस पैर पर ठीक से खड़ा नहीं हो पाता. वह या तो लंगड़ाकर चलता है या फिर बैठ जाता है. इसके अलावा, उसका खाना-पीना कम हो जाता है और शरीर सुस्त पड़ने लगता है. अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण और भी गंभीर रूप ले सकता है और पशु के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है.
बचाव ही सबसे बेहतर उपाय
लंगड़ा बुखार से बचने का सबसे आसान और असरदार तरीका है समय पर टीकाकरण. हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के मुताबिक, यह टीका पशुपालन विभाग या सरकारी पशु चिकित्सालय में मुफ्त में लगाया जाता है. इस टीके को खासकर बरसात के मौसम से पहले लगवाना चाहिए, क्योंकि यही समय इस बीमारी के फैलने का सबसे ज्यादा होता है.
24 से 48 घंटे में ले सकती है जान
लंगड़ा बुखार एक खतरनाक बीमारी है जो बहुत तेजी से फैलती है. अगर समय रहते इसका इलाज न हो तो 24 से 48 घंटे के अंदर ही पशु की मौत हो सकती है. दरअसल, इस बीमारी में पशु के शरीर में एक तरह का जहर (टॉक्सिन) बनता है, जो खून के रास्ते पूरे शरीर में फैल जाता है. जब ये जहर मुख्य अंगों तक पहुंचता है तो वे धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं. यही वजह है कि कई बार पशुपालक को कुछ समझ आता उससे पहले ही पशु की हालत बिगड़ जाती है. ऐसे में जैसे ही पशु के चलने में दिक्कत, बुखार या सूजन दिखे, तुरंत डॉक्टर को बुलवाना चाहिए.
लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज शुरू करें
अगर किसी पशु में लंगड़ा बुखार के लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें. इससे इलाज में आमतौर पर प्रोकेन पेनिसिलिन (Procaine Penicillin) नाम की दवा की ऊंची खुराक दी जाती है. यह इंजेक्शन सूजन वाली जगह पर सीधे मांसपेशियों में भी लगाया जाता है ताकि वह असरदार हो. अगर सही समय पर दवा मिल जाए तो पशु की जान बचाई जा सकती है.
पशुपालकों के लिए जरूरी सलाह
- सेहतमंद दिखने वाले पशु भी इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं, इसलिए लापरवाही न करें.
- हर साल बरसात से पहले ब्लैक क्वार्टर (BQ) टीका जरूर लगवाएं.
- अगर पशु लंगड़ाकर चलने लगे या पैर में सूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- सूखी और साफ जगह पर पशुओं को रखें, ताकि संक्रमण न फैले.