हर साल बरसात का मौसम सिर्फ ठंडक और हरियाली ही नहीं लाता, बल्कि साथ लाता है बाढ़ और जलभराव जैसी मुसीबतें. क्योंकि बरसात में कई राज्यों में नदियां उफान पर होती हैं और गांव-देहात के रास्ते, खेत और घर जलमग्न हो जाते हैं. ऐसे हालात इंसानों के साथ-साथ पशुओं के लिए भी जानलेवा साबित हो सकते हैं.
अगर वक्त रहते जरूरी सावधानी नहीं बरती गईं तो मवेशी पानी में फंस सकते हैं, बीमार पड़ सकते हैं या दुर्घटना के शिकार हो सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप बाढ़ से पहले ही तैयारी पूरी कर लें. इसके अलावा पशुओं को सुरक्षित जगह पहुंचाएं, चारा-पानी का इंतजाम करें और इलाज के जरूरी सामान संभाल कर रखें. यही सावधानी संकट में काम आती है.
1. पशुओं को लगवाएं 12 अंकों का टैग
हर पशु को कान में 12 अंकों वाला एक खास पहचान टैग लगाया जाता है. यह टैग उसकी पहचान और ट्रैकिंग का मजबूत जरिया होता है. क्योंकि बाढ़ जैसी आपात स्थिति में अगर कोई पशु बिछड़ जाए तो इसी टैग की मदद से उसकी पहचान की जा सकती है. अगर आपके पशुओं पर अभी तक यह टैग नहीं लगा है तो जल्द से जल्द यह काम जरूर करवा लें.
2. बरसात से पहले दें कृमिनाशक दवा
बरसात से पहले पशुओं को कृमिनाशक दवा देना बहुत जरूरी है. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह दवा उनके पेट में पलने वाले कीड़ों को खत्म करती है और पाचन को मजबूत बनाती है. इससे पशु बीमारियों से बचे रहते हैं और स्वस्थ रहते हैं. लेकिन दवा देने से पहले नजदीकी पशु चिकित्सक से सलाह जरूर लें, ताकि सही मात्रा और समय तय किया जा सके. बिना सलाह के दवा देना नुकसानदायक हो सकता है. सावधानी से दी गई दवा आपके पशु की सेहत की रक्षा करती है.
3. पशुधन बीमा जरूर करवाएं
अगर आपके पशु बीमा योजना में शामिल नहीं हैं तो बाढ़ आने से पहले उन्हें जरूर बीमा करवा लें. क्योंकि मवेशियों की आकस्मिक मृत्यु होने पर यह बीमा आपको आर्थिक मदद देता है, जिससे बड़ा नुकसान होने से बचा जा सकता है. इसके अलावा पशुधन बीमा करवाने से आप मुश्किल समय में राहत पा सकते हैं. बीमा कराते समय सभी जरूरी दस्तावेज तैयार रखें और योजना की शर्तें ध्यान से पढ़ें, ताकि भविष्य में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े.
4. सभी टीके समय पर लगवाएं
बाढ़ के मौसम में मुंहपका, खुरपका, गलघोंटू और लंपी जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं. इनसे बचाने के लिए पशुओं को समय पर टीका लगवाना बहुत जरूरी है. खासकर बारिश शुरू होने से पहले ही टीकाकरण पूरा कर लें, ताकि आपके पशु सुरक्षित रहें और बीमारी का खतरा कम हो. टीकाकरण के लिए नजदीकी पशु अस्पताल से संपर्क करें और सही समय पर सही वैक्सीन जरूर दिलाएं.
5. बाढ़ के समय रखें ये सावधानियां
अगर बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा हो और पशुओं को बाहर निकालना संभव न हो तो उनकी रस्सी खोल दें. क्योंकि बंधा हुआ पशु तैर नहीं सकता और डूबने का खतरा रहता है. खुले पशु खुद को बचाने की कोशिश कर सकते हैं. इसके अलावा छोटे पशुओं जैसे बकरी, भेड़, बछड़ों को छत पर सुरक्षित जगह बांधें. जबकि बड़े पशुओं को किसी ऊंचे और कठोर मिट्टी वाले स्थान पर छोड़ दें, ताकि वे पानी में फंसें नहीं. यही नहीं बाढ़ के दौरान पशुओं को पौष्टिक चारा देना भी बहुत जरूरी होता है, क्योंकि वे तैरने और डर की वजह से काफी थक जाते हैं. ऐसे में उनकी ऊर्जा को बनाए रखने के लिए संतुलित और पोषक आहार दें.