मछली पकड़ना सिर्फ शौक नहीं, एक हुनर है. गांव हो या शहर, तालाब हो या नदी, जहां भी पानी है, वहां कोई न कोई कांटा डालकर मछली पकड़ने की कोशिश करता जरूर दिखता है. लेकिन हर किसी के हाथ मछली लग जाए, ये जरूरी नहीं. इसकी सबसे बड़ी वजह है सही तरीके ज्ञान न होना. कई लोग घंटों बैठते हैं, फिर भी खाली हाथ लौटते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं. मछली पकड़ने के 3 आसान स्टेप्स, जिन्हें अपनाकर आप भी मछली पकड़ने में माहिर बन सकते हैं.
रॉड को पंप करके मछली को थकाएं
जब मछली कांटे में फंस जाए तो उसे जोर से खींचने की गलती बिल्कुल न करें. इसकी जगह, मछली पकड़ने वाली छड़ी (रॉड) को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं, करीब 45 डिग्री के एंगल पर. इससे धागा टाइट हो जाएगा और मछली थोड़ा लड़ेगी. ऐसा करने से थोड़ी देर में मछली थक जाएगी. फिर रॉड को नीचे लाकर रील घुमाइए और ये प्रक्रिया बार-बार दोहराते रहिए. ऐसा करने से धीरे-धीरे मछली आपके पास आ जाएगी और भाग नहीं पाएगी.
लाइन को ढीला मत छोड़िए
मीडिया की एक रिपोर्अट के मुताबिक, अक्सर लोग मछली फंसा तो लेते हैं, लेकिन लाइन ढीली छोड़ देते हैं, जो सबसे बड़ी गलती होती है. जब लाइन ढीली रहती है तो मछली कांटे से निकल सकती है और कई भाग जाती है. इसलिए पकड़ते समय ध्यान रखें कि लाइन में हल्का तनाव बना रहे. इसके अलावा रॉड को हमेशा सिर से ऊपर की ओर रखें ताकि मछली सुरक्षित फंसी रहे और ज्यादा हिलडुल न कर सके. ये तरीका अपनाने से मछली थकती है और धीरे-धीरे आपकी तरफ खिंचती चली आती है.
मछली पकड़ते समय धैर्य रखें
मछली पकड़ने में धैर्य सबसे जरूरी होता है, लेकिन सजगता भी उतनी ही अहम होती है. रॉड (छड़ी) को ध्यान से पकड़ें और नजरें लगातार लाइन पर बनाए रखें. जैसे ही हलचल हो, तुरंत एक्टिव हो जाएं. ध्यान दें कि मछली जब कांटे में फंसती है तो हल्का झटका देती है, जिसे महसूस करना जरूरी है. यही झटका संकेत होता है कि मछली फंस चुकी है और अब उसे बाहर खींचने का सही मौका है. इस सावधानी से आपकी पकड़ पक्की हो जाएगी.
अगर आप तालाब या झील में मछली पकड़ रहे हैं तो सुबह या शाम का वक्त सबसे बेहतर होता है. क्योंकि इस वक्त मछलियां ज्यादा सक्रिय होती हैं. ऐसे में यह समय मछली पकड़ने के लिए ज्यादा सही माना जाता है.