अगर आप मछली पकड़ने जा रहे हैं और चाहते हैं कि आपके कांटे में कोई बड़ी या खास मछली फंसे, जैसे ट्रॉफी मछली, रेनबो ट्राउट या ब्लू मार्लिन फिश तो सिर्फ डंडा और कांटा लेकर निकल जाना काफी नहीं है. मछली पकड़ना एक आसान काम नहीं, बल्कि एक समझदारी भरा खेल है. इसके लिए पहले से सही तैयारी, जानकारी और थोड़ा धैर्य बहुत जरूरी होता है. अगर तैयारी में कमी रह गई तो बड़ी मछली आंखों के सामने से निकल जाएगी. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि मछली पकड़ने से पहले कौन-कौन सी जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए.
सही मछली और सही जगह की पहचान जरूरी
मछली पकड़ने से पहले ये सोच लें कि आप किस तरह की मछली पकड़ना चाहते हैं. बड़ी ट्रॉफी मछली या खाने वाली आम मछली. जैसे ब्लू मार्लिन समुद्र में मिलती है, वहीं रेनबो ट्राउट पहाड़ी और ठंडे इलाकों की नदियों में मिलती है. वहीं, ट्रॉफी मछली काफी दुर्लभ होती है, यह खाने में टेस्टी, देखने में सुंदर होती है और यह खास शांत और कम हलचल वाली जगह में रहती है. इसी तरह हर मछली की रहने की जगह अलग होती है. कोई मीठे पानी में होती है, कोई खारे में. कोई गहराई में रहती है तो कोई ऊपर तैरती है. इसलिए मछली पकड़ने से पहले उसकी जानकारी जरूर लें.
मछली की आदतों को पहचानिए
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मछली का व्यवहार अलग होता है. कुछ जल्दी चारा पकड़ती हैं, कुछ समय लेती हैं. अगर आप किसी नए जलस्रोत में हैं और नहीं जानते कि वहां कौन-कौन सी मछलियां हैं तो कुछ चारा डालकर इंतजार करें. उसके बाद देखें कि कौन सी मछलियां सतह पर आती हैं और कैसे रिएक्ट करती हैं. यह एक अच्छा तरीका है मछली की पहचान और आदतों को समझने का. लगातार अभ्यास से आपको धीरे-धीरे यह जानकारी अपने आप होने लगेगी.
क्षेत्र के अनुसार योजना बनाइए
हर इलाके में अलग-अलग तरह की मछलियां पाई जाती हैं. जैसे ग्रेट लेक्स इलाके में वालआइ और नॉर्दन पाइक खूब मिलती हैं. दक्षिणी अमेरिका के दलदली इलाकों में गर, बोफिन्स, फ्लाउंडर और पर्च मछलियां आसानी से मिल जाती हैं. वहीं, उत्तर-पश्चिमी अमेरिका में रेनबो ट्राउट, क्रैपी, बास और वालआइ जैसी मछलियां आम हैं. इसलिए अगर आप मछली पकड़ने की यात्रा पर जा रहे हैं तो पहले से तय कर लें कि आपको कौन सी मछली चाहिए और उसी हिसाब से जगह चुनें. इससे फिशिंग ज्यादा मजेदार होगी.
पकड़ने के लिए उपकरण और धैर्य भी जरूरी
अच्छा चारा, मजबूत फिशिंग रॉड, सही हुक और धैर्य ये सब फिशिंग के जरूरी हथियार हैं. कोई भी मछली एक झटके में नहीं आती, खासकर ट्रॉफी मछली. आपको इंतजार करना होगा, सही वक्त और सही चारे के साथ. अगर आप तैयारी के साथ पानी में उतरते हैं तो मछली पकड़े बिना वापस नहीं लौटेंगे और हां, फिशिंग सिर्फ शौक नहीं, एक सुकून देने वाली एक्टिविटी भी है, जिसमें आप प्रकृति के और करीब जाते हैं.