अपने खेत में शिमला मिर्च फसल की मल्चिंग करने पहुंचे कृषि मंत्री, मॉडर्न तकनीक के बताए फायदे

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा में अपने खेत पर शिमला मिर्च के लिए मल्चिंग तकनीक का उपयोग कर किसानों को खेती से जुड़ने और मॉडर्न तरीकों को अपनाने का संदेश दिया.

नोएडा | Updated On: 20 Jun, 2025 | 02:59 PM

खेत में सूट-बूट नहीं, हाथ में मशीन और पैरों में मिट्टी लगी हो, ऐसी तस्वीरें जब किसी केंद्रीय मंत्री के सामने आती हैं तो वे सिर्फ फोटो नहीं होतीं, एक संदेश होती हैं. ऐसा ही संदेश केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा में अपने खेत में शिमला मिर्च की फसल के लिए खुद मल्चिंग करते हुए दिया. उन्होंने कहा कि खेती समझनी है तो खेत में उतरना पड़ेगा. मशीन से मल्चिंग करते हुए उन्होंने न केवल खेती के प्रति अपना जुड़ाव दिखाया, बल्कि किसानों को मॉडर्न तकनीक अपनाने का खुला आमंत्रण भी दिया.

खेत में पहुंचकर खुद जुताई की – कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर अपने खेत में खेती करते नजर आए. इस बार वे मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में अपने खेत पर शिमला मिर्च की फसल के लिए मशीन से मल्चिंग (Mulching) करते दिखे. इस दौरान उन्होंने खुद मशीन चलाकर खेत में पलवार बिछाया और खेती की इस आधुनिक तकनीक को किसानों के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि बिना खेत में जाए किसानी नहीं हो सकती जब मेहनत से बोया बीज पौधा बनकर फलता है तो लगता है जीवन सार्थक हो गया.

ये कोई पहली दफा नहीं था जब कृषि मंत्री शिवराज सिंह खेती करते दिखे, इससे पहले भी कई बार अपने खेत में जुताई करते नजर आ चुके हैं. महीने भर पहले उन्होंने टमाटर की खेती के लिए खुद खेत में बेड तैयार किया था और अगस्त में बुआई की योजना बताई थी. उनका यह व्यवहार सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि जमीन से जुड़ाव का एक उदाहरण है.

Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan

Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan

क्या है मल्चिंग तकनीक

मल्चिंग तकनीक को आम भाषा में पलवार बिछाना भी कहा जाता है. यह तकनीक खेती में काफी काम की होती है. इससे खेत में नमी बनी रहती है और मिट्टी का तापमान नियंत्रित रहता है. इसके अलावा, यह खरपतवार (जंगली घास) को पनपने से रोकती है. साथ ही, मिट्टी के कटाव को कम करती है और पौधों की जड़ों को धूप और सर्दी से सुरक्षित रखती है.

इस तकनीक से सिंचाई की जरूरत भी कम हो जाती है और उत्पादन बेहतर होता है. खास बात यह है कि इसमें आप खेत में ही मौजूद सूखी घास, पत्तियों या पॉलीथिन शीट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

किसानों को मिला संदेश

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह कदम किसानों के लिए एक बड़ा संदेश है कि खेती से सीधा जुड़ाव जरूरी है. जब कोई जिम्मेदार व्यक्ति खुद खेत में जाकर काम करता है तो न केवल प्रेरणा मिलती है, बल्कि नई तकनीकों का भरोसा भी बढ़ता है. उनका यह पहल खासकर उन किसानों के लिए अहम है जो अभी तक पारंपरिक खेती करते आए हैं और नई तकनीकों को अपनाने में हिचकते हैं.

Published: 20 Jun, 2025 | 02:54 PM