तमिलनाडु के तंजावुर जिले में गरमा धान फसल की कटाई अब लगभग पूरी होने वाली है. किसानों ने कहा कि इस बार पैदावार ठीक-ठाक रही है, लेकिन उम्मीद से थोड़ी कम है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में अब तक तमिलनाडु सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन (TNCSC) ने करीब 70,000 टन धान की खरीद की है. कृषि और किसान कल्याण विभाग के अनुसार, इस साल 45,000 एकड़ में गरमा धान की खेती हुई है, जो सामान्य रकबे से 7,500 एकड़ ज्यादा है. 31 मार्च तक बोई या रोपी गई धान को गर्मी की फसल माना जाता है.
अब तक लगभग 42,000 एकड़ में फसल की कटाई हो चुकी है और उत्पादन के आंकड़े बताते हैं कि इस बार औसत पैदावार मिली है. ओराथानाडु के किसान और तमिलनाडु किसान संघ के राज्य महासचिव सामी नटराजन ने कहा कि ओराथानाडु इलाके में किसानों को प्रति एकड़ 30 से 36 बोरी (60 किलो की) धान मिल रही है, जबकि कुछ जगहों पर 40 बोरी तक उपज हुई है. उन्होंने कहा कि ये उपज ठीक है, लेकिन अधिकतर किसानों को 45 बोरी प्रति एकड़ की उम्मीद थी.
औसत उपज प्रति एकड़ 37 से 43 बोरी के बीच रही
कृषि विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस बार तंजावुर जिले में धान की औसत उपज प्रति एकड़ 37 से 43 बोरी के बीच रही है. वजन के हिसाब से देखें तो यह 2,160 से 2,400 किलोग्राम प्रति एकड़ है, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर है. पिछले साल उपज 1,800 से 2,000 किलोग्राम प्रति एकड़ थी.
.93 लाख एकड़ में धान की खेती होने की उम्मीद
धान की खरीद तंजावुर जिले के 214 डायरेक्ट प्रोक्योरमेंट सेंटर्स (DPCs) के जरिए की जा रही है. TNCSC अधिकारियों का अनुमान है कि 1 सितंबर से शुरू होने वाले खरीफ सीजन से पहले तक 2.5 लाख से 3 लाख टन धान की खरीद हो सकती है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि कुछ क्षेत्रों में शुरुआती कुरुवई फसल की कटाई जल्द शुरू हो सकती है और उसकी उपज खरीफ सीजन शुरू होने से पहले ही DPCs में पहुंच सकती है. 1 अप्रैल से अब तक कुरुवई धान की 85,000 एकड़ में रोपाई हो चुकी है. इस बार कुरुवई सीजन में कुल 1.93 लाख एकड़ में धान की खेती होने की उम्मीद है, जिसे मेट्टूर डैम में अच्छा जलस्तर मिलने से मदद मिल रही है.