किसानों को जबरदस्ती दूसरे उत्पाद बेचने वालों पर एक्शन लेंगे, शिवराज बोले- नियम बदलेंगे

शिवराज ने कहा कि सरकार ने साफ कहा है कि “हम एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदेंगे.” इसी दिशा में NAFED लगातार काम कर रहा है और अब तक 4 लाख से अधिक किसानों से सीधे जुड़ चुका है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 20 Jun, 2025 | 02:22 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अमानक बीज विक्रेताओं पर शिकंजा कसने के लिए नियमों में बदलाव किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई बार शिकायतें मिली हैं कि कृषि उत्पाद विक्रेता किसानों को जबरदस्ती दूसरे उत्पाद खरीदने का दबाव बनाते हैं. ऐसा करने वाले विक्रेताओं पर एक्शन लिया जाएगा. उन्होंने बिचौलियों और जबरदस्ती बिक्री पर शिकंजा कसने की बात कही है. जबकि, नैनो खाद के नाम पर कई कंपनियां उत्पाद बना रही हैं, जिनकी मॉनिटरिंग की बात भी उन्होंने कही. कृषि मंत्री नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में बोल रहे थे.

सहकारी समितियों की ताकत और महत्व

NAFED ने इस कार्यक्रम के माध्यम से सहकारी समितियों की ताकत को पहचानने और उन्हें सामाजिक-आर्थिक विकास का मुख्य इंजन बनाने का संदेश दिया. विश्वभर में 30 लाख से अधिक सहकारी समितियां लगभग 2800 लाख लोगों को रोजगार देती हैं. भारत में भी यह मॉडल किसानों की आय बढ़ाने और समुदायों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है. सहकारी समितियां न केवल आर्थिक विकास का आधार हैं, बल्कि वे सामाजिक एकता और समावेशी विकास को भी बढ़ावा देती हैं.

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मैं किसान का बेटा नहीं, खुद किसान हूं. किसानों की समस्याएं जानना मेरा धर्म है और उनकी सेवा करना मेरी पूजा है.” उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने चार बड़े लक्ष्य तय किए हैं- देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आय बढ़ाना, जनता को पोषक आहार देना और धरती को सुरक्षित रखना. उन्होंने यह भी बताया कि पहले भारत को अमेरिका का एंटी लाल गेहूं खाना पड़ता था, लेकिन अब भारत के पास खाद्य भंडार भरे हुए हैं और सरकार ने 50,000 करोड़ रुपए का चावल निर्यात भी किया है.

किसानों से बढ़ता नेफेड का जुड़ाव

कार्यक्रम में किसानों की असल चुनौतियों पर भी चर्चा हुई. खासकर जब पैदावार ज्यादा हो जाती है, तो किसानों को उनकी मेहनत का पूरा दाम नहीं मिलता. शिवराज ने कहा कि सरकार ने साफ कहा है कि “हम एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदेंगे.” इसी दिशा में NAFED लगातार काम कर रहा है और अब तक 4 लाख से अधिक किसानों से सीधे जुड़ चुका है. इसका मकसद है कि किसानों को उचित दाम मिले और उनका उत्पादन सुरक्षित तरीके से बाजार तक पहुंचे.

बिचौलियों और जबरदस्ती बिक्री पर कसा जाएगा शिकंजा

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कहा कि सरकार किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगी. उन्होंने बताया कि कई बार देखा गया है कि व्यापारी किसानों से सस्ती दरों पर प्याज खरीदते हैं और वही प्याज सरकार को महंगे दामों पर बेचते हैं, जिससे असली नुकसान किसान को होता है. इतना ही नहीं, जब किसान खाद लेने जाते हैं तो कुछ विक्रेता उन्हें जबरदस्ती दूसरा उत्पाद थमा देते हैं, जो उनकी जरूरत नहीं होती.

शिवराज सिंह ने कहा कि सरकार इस तरह की गलत और शोषणकारी प्रथाओं के खिलाफ सख्त है. किसानों के हक की रक्षा के लिए केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं ताकि किसान ठगे न जाएं और उन्हें उनकी मेहनत का पूरा हक मिले.

सरकार उठाएगी ट्रांसपोर्ट का पूरा खर्च

किसानों की सबसे बड़ी परेशानियों में से एक है कि जब उनकी फसल अच्छी होती है और उत्पादन ज्यादा होता है, तो बाजार में कीमत गिर जाती है और उन्हें मेहनत का सही दाम नहीं मिल पाता. शिवराज ने कहा कि इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार ने एक ठोस कदम उठाने जा रही है. अब NAFED जैसी संस्थाओं की मदद से किसानों की उपज को सीधे दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि उन्हें उनकी फसल के लिए उचित बाजार और अच्छा मूल्य मिल सके.

सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि इस फसल की ढुलाई का पूरा खर्चा किसान को नहीं उठाना पड़ेगा, बल्कि यह जिम्मेदारी सरकार खुद निभाएगी. इससे किसानों का बोझ भी कम होगा और उनकी कमाई बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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Published: 20 Jun, 2025 | 01:45 PM

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