अगर आप मछली पकड़ने के शौकीन हैं या गांव-देहात की जिंदगी में पले-बढ़े हैं तो एक बात जरूर समझते होंगे कि मछली पकड़ना सिर्फ किस्मत का खेल नहीं, बल्कि सही तरीके, धैर्य और थोड़ा देसी जुगाड़ मांगता है. चाहे तेज पानी के बहाव वाली नदी का हो या बिलकुल शांत झील का, अगर तरीका सही हो तो पहली कोशिश में ही बड़ी और तगड़ी मछली आपके हुक में फंस सकती है. इस आसान देसी जुगाड़ को अपनाकर कोई भी इंसान पहली बार में ही बड़ी मछली पकड़ सकता है, वो भी बिना महंगे उपकरणों के.
सबसे पहले हुक सेटअप को समझिए
मछली पकड़ने की शुरुआत हुक लगाने से होती है, लेकिन सिर्फ हुक काफी नहीं होता. मीडिया की एक रिपोर्ट की माने तो हुक से करीब 12 इंच (लगभग 30 सेंटीमीटर) ऊपर एक सिंकर (वजन) और एक बोबर (जो पानी में तैरने वाला छोटा गेंद जैसा होता है) लगाना जरूरी होता है. ध्यान देने की बात यह है कि इन्हें मजबूत गांठ से कसकर बांधें, ताकि तेज बहाव में भी ये अपनी जगह से न हिलें और मछली पकड़ने में रुकावट न आए.
तेज बहाव में काम आता है सिंकर
अगर आप तेज बहने वाली नदी, नाला या स्ट्रीम में मछली पकड़ने जा रहे हैं तो सिंकर (मछली पकड़ने वाली डोरी) का इस्तेमाल जरूर करें. यह एक तरह का मेटल का छोटा वजन होता है जो आपकी लाइन को पानी के अंदर ले जाता है. इससे हुक उस गहराई तक पहुंच जाता है, जहां मछलियां आमतौर पर होती हैं. खास बात यह है कि सिंकर आपकी हुक को बहाव में बहने से भी रोकता है, जिससे मछली को पकड़ना आसान होता है.
शांत पानी में बोबर है मददगार
अगर आप किसी तालाब, झील या किसी स्थिर पानी के स्रोत में मछली पकड़ रहे हैं तो बोबर का उपयोग करें. बोबर एक तैरने वाली गेंद होती है जो पानी की सतह पर रहती है. जब मछली हुक को पकड़ती है तो बोबर झटका खाता है और पानी में डूबता है. यही वह पल होता है जब आपको फुर्ती से रील घुमाकर मछली को खींच लेना चाहिए.
शुरुआत में बड़ा बोबर इस्तेमाल करें
अगर आप मछली पकड़ने की शुरुआत कर रहे हैं तो बड़े आकार का बोबर चुनें. यह दूर से भी दिखता है और झटका लगने पर जल्दी नजर आता है. इससे मछली पकड़ने का सही वक्त पहचानना आसान हो जाता है. गांवों में अक्सर लोग जाल या पारंपरिक तरीकों से मछली पकड़ते हैं. लेकिन जब बात शौक और सटीकता की हो तो ये सिंकर और बोबर वाला तरीका बेहद कारगर साबित होता है. खासकर उन जगहों पर जहां गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है.