आने वाले महीनों में खाद्यान उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है, क्योंकि खरीफ सीजन में फसल बुवाई का रकबा बढ़ा है. कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल खरीफ सीजन में धान, दालें, मोटे अनाज और तिलहन की खेती में वृद्धि हुई है. 2 मई तक पिछले साल के मुकाबले इस बार धान की खेती 3.44 लाख हेक्टेयर और दालों की खेती 2.20 लाख हेक्टेयर बढ़ी है. जबकि, खरीफ सीजन 2023-24 में 2 मई तक धान की खेती 28.57 लाख हेक्टेयर थी, जबकि इस साल यह बढ़कर 32.02 लाख हेक्टेयर हो गई. इसी तरह दालों का रकबा 18.47 लाख हेक्टेयर था, जो इस साल 20.67 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है.
मंत्रालय ने कहा कि मूंग और उरद जैसी लोकप्रिय किस्मों की खेती में क्रमशः 1.70 लाख हेक्टेयर और 0.50 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है. वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि 2024-25 में प्याज और आलू की खेती में भी 2023-24 की तुलना में वृद्धि हुई है. मंत्रालय ने कहा कि प्याज की खेती में 2.82 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे यह 2023-24 के 9.76 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.58 लाख हेक्टेयर हो गई है. वहीं, आलू की खेती में भी 0.47 लाख हेक्टेयर का इजाफा हुआ है. मंत्रालय ने कहा कि इस सीजन में टमाटर और प्याज की बुवाई अच्छे से चल रही है. अभी तक तीनों फसलों की बुवाई जारी है.
161 जलाशयों में पर्याप्त पानी
खास बात यह है कि इस साल किसानों को सिंचाई के लिए प्रयाप्त मात्रा में पानी भी मिलेगा, क्योंकि जलाशयों में पानी की उपलब्धता अच्छी है. मंत्रालय ने कहा है कि कुल पानी की स्थिति पिछले साल से बेहतर है. देश के टॉप 161 जलाशयों में इस समय पानी की भंडारण क्षमता पिछले साल की तुलना में 117 फीसदी और पिछले 10 वर्षों की औसत भंडारण से 114 फीसदी है.
गेहूं का भंडार 177.08 लाख मीट्रिक टन
खाद्यान्न भंडार के बारे में मंत्रालय ने कहा कि चावल और गेहूं का वास्तविक भंडार बफर मानक से ज्यादा है. चावल का वास्तविक भंडार 389.05 लाख मीट्रिक टन है, जबकि बफर मानक 135.80 लाख मीट्रिक टन है. इसी तरह गेहूं का वास्तविक भंडार 177.08 लाख मीट्रिक टन है, जबकि बफर मानक 74.60 लाख मीट्रिक टन है. इस तरह, चावल और गेहूं का कुल वास्तविक भंडार 566.13 लाख मीट्रिक टन है, जबकि बफर मानक 210.40 लाख मीट्रिक टन है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि लगभग सभी प्रमुख गेहूं उगाने वाले राज्यों में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है और गर्मी की लहर या उच्च तापमान का कोई असर नहीं पड़ा है.