फसलों के उत्पादन के लिए जरूरी है कि उनका अच्छे से ध्यान रखा जाए और भरपूर मात्रा में पोषक तत्व दिए जाएं, फिर भी कई बार फसलों को सभी जरूरी पोषक तत्व देने के बाद और उनकी अच्छे से देखभाल के बाद भी फसलों पर रोग और कीट लग जाते हैं. इन रोगों और कीटों के कारण फसलों पर फल और फूल नहीं आ पाते हैं. ऐसे में किसान निराश हो जाते हैं क्योंकि उनकी फसल खराब हो जाती है. ऐसी स्थित से निपटने के लिए किसान अपनी फसल पर इफको की उर्वरक का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसका नाम है बोरोन (बी 14.5%). तो चलिए जान लेते हैं कैसे काम करता है यह उर्वरक और किस तरह होता है इसका इस्तेमाल.
ऐसे काम करता है बोरोन (बी 14.5%)
बोरोन (डाई-सोडियम टेट्रा बोरेट पेंटा हाइड्रेट )(बी 14.5%) एक ऐसी उर्वरक है जो फसलों पर फल, फूल और दानों का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाता है. यह फूल और फलों के झड़ने को रोकता है और फलों के आकार और गुणवत्ता को बढ़ाता है. बोरोन के इस्तेमाल से फसल मिट्टी से कैल्शियम को सोखती है और मिट्टी को और उपजाऊ बनती है. इसके इस्तेमाल से पौधों को मजबूती मिलती है.
ऐसे करें इस्तेमाल
बोरोन (बी 14.5%) का इस्तेमाल फसल के अनुसार सही समय पर करना चाहिए. खड़ी फसलों पर इसका इस्तेमाल सीधे मिट्टी पर डालकर करना चाहिए. नमी वाली मिट्टी में प्रति एकड़ फसल पर 10 से 14 किलो उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए. वहीं हल्की मिट्टी में प्रति एकड़ फसल पर 7 सो 10 किलो उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए. फलदार पेड़ों में इसका इस्तेमाल प्रति पेड़ पर 10-100 ग्राम बोरान (14.5%) की दर से करना चाहिए.

Boron helps in growth of flowers and fruits
सभी फसलों पर कर सकते हैं इस्तेमाल
बोरोन (बी 14.5%) का इस्तेमाल हर तरह की फसल पर किया जा सकता है. जिसमें अनाज, फलियां, सब्जियां और फलदार पेड़ शामिल हैं. बोरोन के इत्सेमाल से पौधों में फूल और फल लगने की प्रक्रिया मजबूत होती है, जिससे वे झड़ने से बच जाते हैं. यह फूलों और फलों के झड़ने को रोकने के साथ ही फसल उत्पादन में भी वृद्धि करता है. इस उर्वरक का इस्तेमाल कर किसान अपनी फसल की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं. किसान चाहें तो अपने नजदीकी इफको केंद्र से इसे खरीद सकते हैं.