फसलों की ग्रोथ में मदद करती है ये खाद, किसान ऐसे करें इस्तेमाल

कैल्शिम नाइट्रेट पानी में घुलने वाला एक उर्वरक है जिसमें कैल्शियम और नाइट्रेट मौजूद होता है. कैल्शियम नाइट्रेट एक ऐसी खाद है जिसकी मदद से पौधों में नई शाखाएं आती हैं.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Published: 6 May, 2025 | 06:29 PM

फसलों का अच्छी ग्रोथ और फल-फूलों के अच्छे विकास के लिए जरूरी है कि फसल को सही और जरूरी पोषक तत्व दिए जाएं. फसल में पोषक तत्वों की कमी न हो इसके लिए किसानों को खेतों में सही खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करना चाहिए. लेकिन कई बार फसलों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं. जिसके कारण फसलों की ग्रोथ रुक जाती है और किसानों को भी काफी नुकासान उठाना पड़ता है. ऐसे में फसलों की अच्छी ग्रोथ के लिए किसान इफको की कैल्शियम नाइट्रेट खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं. तो चलिए जान लेते हैं कि कैल्शियम नाइट्रेट खाद क्या है और क्या हैं इसके फायदे.

कैल्शियम नाइट्रेट क्यों है जरूरी

कैल्शिम नाइट्रेट पानी में घुलने वाला एक उर्वरक है जिसमें कैल्शियम और नाइट्रेट मौजूद होता है. कैल्शियम नाइट्रेट एक ऐसी खाद है जिसकी मदद से पौधों में नई शाखाएं आती हैं. इसके साथ ही यह फल और फूलों को बनाने और उन्हें झड़ने से रोकने में मदद करती है. इसके अलावा इस खाद का इस्तेमाल पौधों में होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए भी किया जा सकता है.

 

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Calcium Nitrate helps in growth of plants

क्या है इस खाद के फायदे

बता दें कि कैल्शियम नाइट्रेट का इस्तेमाल सभी तरह की फसलों के लिए किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से पौधों के शारीरिक विकास में मदद मिलती है जिससे पौधे अच्छे से ग्रो करते हैं.पौधों में नई शाखाओं और अंकुरों को बढ़ाने में भी यह खाद कारगर साबित होती है. यह खाद पौधों की जड़ों तक जाकर उन्हें मजबूत करता है,साथ ही यह फूल निर्माम में भी काम आती है. कैल्शियम नाइट्रेट का काम है फसलों को गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाना.

पौधों पर ऐसे करें इस्तेमाल

कैल्शियम नाइट्रेट का इस्तेमाल पौधों में फूल आने से पहले से लेकर फूल आने तक करना सबसे बेस्ट होता है. इसे सुबह या शाम के समय स्प्रे बोतल की मदद से पौधों पर छिड़कना चाहिए. इसे ड्रिप सिंचाई की मदद से या फिर सीधे मिट्टी में डालकर इस्तेमाल किया जा सकता है. खड़ी फसल में इसका इस्तेमाल 25 से 30 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से 2 या 3 बार करना चाहिए. वहीं ड्रिप सिंचाई में इसे 1.5 से 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़कना चाहिए. किसान चाहें तो अपने नजदीकी इफको केंद्र से इसे खरीद सकते हैं.

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