एग्री ड्रोन से किसान कर रहे स्मार्ट खेती, फायदे जान लेंगे तो आप करेंगे इस्तेमाल

किसानों को आमतौर पर फसलों पर कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव में 200–300 लीटर पानी लगता है, वहीं एग्री ड्रोन की मदद से किसान केवल 8 से 10 लीटर पानी में एक एकड़ फसल पर छिड़काव कर सकते हैं.

नोएडा | Published: 10 Aug, 2025 | 07:45 PM

आज के समय में खेती-किसानी में भी आधुनिकता ने अपनी जगह बना ली है. खेतों की जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक आधुनिक कृषि मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है. इन्हीं आधुनिक मशीनों में से एग्री ड्रोन भी एक है. पिछले कुछ सालों में सरकार की तरफ से भी खेती में एग्री ड्रोन के इस्तेमाल को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. केंद्र सरकार के नेतृत्व में राज्य सरकारों की तरफ से एग्री ड्रोन को लेकर अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके इस्तेमाल को बढ़ावा देने के पीछे सरकार का उद्देश्य किसान को आधुनिक खेती के प्रति जागरूक करना और उत्पादन बढ़ाकर उनकी आमदनी बढ़ाना है. एग्री ड्रोन की मदद से किसानों को कई तरह के फायदे होते हैं इसलिए किसानों के लिए जरूरी है कि वे इससे जुड़ी बारीकियों के बारे में जानकारी ले लें.

कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव

किसी भी फसल के सफल उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि किसान सही मात्रा में खाद-उर्वरक और कीटनाशकों का इस्तेमाल करें. कीटों और रोगों के नियंत्रण के लिए किसान फसलों पर कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. एग्री ड्रोन की मदद से इन कीटनाशकों का छिड़काव बेहद ही आसान हो जाता है. आमतौर पर किसान एग्री ड्रोन की मदद से मात्र 6 मिनट में एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव किया जा सकता है. जबकि सामान्य स्थिति में दवा के छिड़काव में किसानों को काफी समय लग जाता है. ड्रोन की मदद से छिड़काव का एक फायदा ये भी है कि इसकी मदद से खेतों पर एक समान और सटीक छिड़काव करने में मदद होती है.

फसलों की निगरानी

किसान के खेतों में लगी फसलों पर कई तरह के खतरे होते हैं. बामौसम बारिश, छुट्टे पशुओं का आतंक, इन सबके कारण फसलों का नुकसान होना आम बात है. ऐसे में किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है. एग्री ड्रोन किसानों को फसलों की निगरानी करने में भी मदद करता है. इसमें लगे सेंसर और कैमरा फसलों की स्थिति, वृद्धि और रोगों की पहचान करने में मदद करते हैं. सेंसरों के माध्यम से किसानों को मिलने वाले डेटा की मदद से समय रहते फसलों के बचाव के उपाय करने में आसानी होती है. इस तरह किसानों का नुकसान होने से भी बच जाता है.

पानी की होती है बचत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसानों को आमतौर पर फसलों पर कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव में 200–300 लीटर पानी लगता है, वहीं एग्री ड्रोन की मदद से किसान केवल 8 से 10 लीटर पानी में एक एकड़ फसल पर छिड़काव कर सकते हैं. इस लिहाज से किसान बड़ी मात्रा में पानी की बचत करते हैं. इसके साथ ही लंबे समय से ड्रोन का इस्तेमाल करने पर उर्वरक, कीटनाशक और मजदूरी में होने वाला खर्च भी कम होता है.

Published: 10 Aug, 2025 | 07:45 PM