अगर आपने अपने खेत या घर के बगीचे में सब्जियां उगाई हैं, तो आप अच्छी तरह जानते होंगे कि बीज बोने से लेकर फसल पकने तक एक न एक मुसीबत जरूर आती है और इसमें सबसे बड़ी परेशानी होती है पक्षियों की. जैसे ही बीज बोए जाते हैं, कौवे और चिड़ियां झट से पहुंच जाते हैं और मिट्टी उखाड़कर बीज निकाल ले जाते हैं. और जब फसलें या सब्जियां पकने लगती हैं, तब तो उनकी चोंच से बचा पाना नामुमकिन सा लगता है.
कई किसान और माली इस परेशानी से थककर खेती छोड़ने तक का सोच लेते हैं. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. हमारे देसी जुगाड़ और कुछ सस्ते लेकिन असरदार उपायों से आप अपनी मेहनत की कमाई को पक्षियों से बचा सकते हैं. चलिए जानते हैं ऐसे 6 आसान देसी नुस्खे, जिनसे आपके खेत की हरियाली बनी रहेगी और पक्षी दूर रहेंगे.
सस्ते और आसान 3 घरेलू उपाय
चमकदार रिफ्लेक्टिव पट्टियां
छोटे-छोटे डंडों में एल्यूमिनियम की पट्टियां या पुरानी सीडी टांग दें. धूप पड़ने पर ये चमकते हैं, जिससे पक्षियों की आंखें चौंधिया जाती हैं और वे दूर भागते हैं. हवा चलने पर पट्टियां हिलती भी हैं, जिससे असर और बढ़ जाता है.
कपड़े की फट्टी टांगना
पुराने कपड़ों की पट्टियां काटकर खेत या बगीचे के चारों ओर बांध दें. हवा में लहराते कपड़े पक्षियों को डराते हैं. यह तरीका छोटे बगीचों के लिए काफी असरदार है.
कांच की खाली बोतल या टिन टांगना
बोतलें या टिन के डिब्बे डंडों से लटका दें. हवा चलने पर इनके टकराने की आवाज से पक्षी डरते हैं. यह एक देसी ‘बर्ड अलार्म’ जैसा काम करता है.
थोड़े महंगे लेकिन असरदार उपाय
बर्ड नेटिंग (जाल लगाना)
यह सबसे कारगर उपाय है. सब्जियों के ऊपर प्लास्टिक या नायलॉन का जाल बिछा दें, जिससे पक्षी अंदर घुस ही न सकें. थोड़ी महंगी व्यवस्था है, लेकिन बार-बार नुकसान से बेहतर है एक बार की सुरक्षा.
बर्ड रिपेलेंट (गंध आधारित दवा)
आजकल बाजार में कुछ ऐसी दवाइयां मिलती हैं जिनकी गंध पक्षियों को पसंद नहीं आती. ये प्राकृतिक चीजों से बनी होती हैं और छिड़कने पर पक्षी वहां आने से बचते हैं.
बर्ड डिटेरेंट डिवाइस
कुछ डिवाइस आवाज या अल्ट्रासोनिक तरंगें छोड़ती हैं, जिससे पक्षी डरते हैं. कुछ में शिकारी पक्षियों की आवाज होती है. ये खासकर बड़े खेतों के लिए फायदेमंद हैं.
क्या नहीं करना चाहिए?
- जहरीला चारा या दवाई इस्तेमाल करना गैरकानूनी और खतरनाक हो सकता है.
- पटाखे या बंदूक चलाना भी सही विकल्प नहीं है, इससे जान-माल का खतरा हो सकता है.