मध्य प्रदेश में मूंग की सरकारी खरीद न किए जाने से पूरे राज्य में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. वे राज्य सरकार से MSP पर मूंग की खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की ये मांग अब धीरे-धीरे आंदोलन का रूप लेता जा रहा है. इसी बीच किसानों को कांग्रेस का समर्थन भी मिलने लगा है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ भी अब किसानों के सपोर्ट में उतर गए हैं और सरकार पर जमकर बरसें हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार मूंग के किसानों की मांग की तरफ बिलकुल ध्यान नहीं दे रही है. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी की मांग कर रहे हैं जो वैध और न्यायोचित है.
उन्होंने अपने पोस्ट में कहा है कि सरकार हर साल मूंग की खरीद करती है और केंद्र तथा राज्य सरकार की तरफ से अपना-अपना कोटा भी निर्धारित किया जाता है. लेकिन मूंग दाल की खरीद करना तो दूर, सरकार इस संबंध में एक भी शब्द नहीं बोल रही है. किसान अलग-अलग तथा शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर अपनी मांग दोहरा रहे हैं. कमलनाथ ने कहा कि पहले किसानों को मूंग की दाल का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना और उसके बाद दाल खरीदने से मुकर जाना, सरकार का किसानों के साथ धोखा है.
मध्य प्रदेश सरकार मूंग के किसानों की माँग की तरफ बिलकुल ध्यान नहीं दे रही है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग ख़रीदी की माँग कर रहे हैं जो सर्वथा वैध और न्यायोचित है।
सरकार हर साल मूंग की ख़रीद करती है और केंद्र तथा राज्य सरकार की तरफ़ से अपना-अपना कोटा भी निर्धारित किया… pic.twitter.com/AGUP5IaY16
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 10, 2025
कमलनाथ ने कहा कि मैंने पहले भी मांग की है और फिर से दोहराता हूं कि सरकार तत्काल मूंग दाल की खरीद प्रक्रिया शुरू करे और किसानों को सरकार द्वारा निर्मित संकट से मुक्त कराए.
सरकार MSP पर मूंग की खरीद नहीं करेगी
दरअसल, पिछले हफ्ते राज्य सरकार ने फैसला किया था वह फसल सीजन 2025–26 में MSP पर मूंग की खरीद नहीं करेगी. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब इस बार गर्मियों में मूंग की बंपर फसल हुई है और किसान सरकार से खरीद की उम्मीद लगाए बैठे थे. यही वजह है कि किसान पूरे राज्य में राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं.
फसल की गुणवत्ता सरकारी खरीद मानकों के अनुरूप नहीं
वहीं, अधिकारियों का कहना था कि इस बार राज्य सरकार केंद्र को मूंग खरीद का कोई प्रस्ताव नहीं भेजेगी. क्योंकि किसानों ने मूंग की फसल में बड़े स्तर पर कीटनाशकों और खरपतवार नाशकों का इस्तेमाल किया है. इससे फसल की गुणवत्ता सरकारी खरीद मानकों के अनुरूप नहीं रही.